
बरेली। नगर निगम में केंद्र और राज्य की आडिट टीमों ने डेरा डाल रखा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं में मिली धनराशि को किस तरह से इस्तेमाल किया और कितना काम धरातल, कागजों में दिखाया है। इसकी पड़ताल हो रही है। आडिट टीमों ने 18 बिंदुओं पर विभागों को नोटिस जारी किए हैं। उनसे जवाब मांगा है। नगर निगम के लेखा विभाग से भी सूची मांगी है। आडिट टीम को लेकर सबसे ज्यादा ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
नगर निगम का स्पेशल ऑडिट शुरू हो चुका है। इसके लिए दिल्ली, प्रयागराज से विशेष टीम बरेली नगर निगम पहुंची है और नगर निगम कार्यालय में दस्तावेज खंगाल रही है। इसी क्रम में सोमवार को भी टीम नगर निगम कार्यालय में मौजूद रही। टीम निर्माण, जलकल, राजस्व विभाग से संबंधित कई अहम दस्तावेज के साथ आय.व्यय का पूरा ब्योरा भी एकत्र कर रही है। ऑडिट टीम के आने के बाद नगर निगम में सुगबुगाहट तो बढ़ी है, लेकिन अधिकारी व कर्मचारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। लेखाधिकारी अनुराग सिंह का कहना है कि ये रुटीन का ऑडिट है। 2023.24 को लेकर टीमें ऑडिट कर रही हैं।
नगर निगम के पूर्व में हुए कार्यों समेत कई वित्तीय भुगतान को केंद्र में रखते हुए ऑडिट टीम पहुंची है। इस दौरान टीम पिछले वर्षों में हुई खरीद, भुगतान, आय.व्यय व विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर खर्च से संबंधित दस्तावेज खंगाल रही है। ऑडिट टीम के आते ही उन ठेकेदारों को चिंता हो गई है जिन्हें कागजों में तमाम खामियां हैं। एफडीआर से लेकर फर्जी फर्म, अनुभव प्रमाण पत्रों में कमी और अन्य गड़बड़ियों को छुपाया गया।
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अनेक शिकायतें केंद, राज्य सरकार तक पहुंची हैं, जिसमें से अधिकांश शिकायतें इंजीनियरिंग, टैक्स, जलकल और अकाउंट्स व योजना शाखा से संबंधित हैं।
Published on:
02 Dec 2024 09:35 pm
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