
बरेली। एक लाख रुपये का इनामी कुख्यात डकैत इफ्तेकार उर्फ शैतान आखिरकार दफन कर दिया गया। गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए इस खूंखार डकैत को रविवार तड़के कैंट स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। एहतियातन मौके पर पुलिस का भारी बंदोबस्त रहा।
तीन दिन तक पुलिस उसके परिजनों को तलाशती रही। शैतान के नाम पर कानपुर, लखनऊ, नोएडा, आगरा, वाराणसी और गाजियाबाद तक पुलिस ने दस्तक दी, लेकिन कोई परिजन आगे नहीं आया। आखिरकार अवाम-ए-खिदमात कमेटी नाम की संस्था को सुपुर्द-ए-खाक की जिम्मेदारी सौंपी गई। रविवार सुबह करीब पांच बजे शैतान को दफनाया गया। मौके पर पुलिस अफसरों के साथ फोर्स तैनात रही। बताया जा रहा है कि दफन के दौरान शैतान की पत्नी और गांव भूपखेड़ी का प्रधान भी मौजूद थे, जिनसे अब पुलिस पूछताछ कर रही है।
शैतान का नाम नवंबर 2024 में बिथरी चैनपुर के उदयपुर जसरथपुर गांव में हुई डकैती के बाद सामने आया था। नकाबपोश बदमाशों ने किसान केशर खां के परिवार को बंधक बनाकर लाखों की लूट की थी। इस वारदात के बाद पुलिस ने इसकी धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। 4 अक्टूबर को पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों — मुरादाबाद के अफताब उर्फ सैफ और शाहजहांपुर के देवेंद्र को मुठभेड़ में दबोचा था। पूछताछ में शैतान का नाम उजागर हुआ, जिसके बाद पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया। गुरुवार सुबह नैनीताल हाईवे पर बिलवा पुल के पास पुलिस ने शैतान को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
शैतान पर सात जिलों में हत्या, लूट और डकैती के 19 मामले दर्ज थे। इनमें मेरठ और बरेली में दोहरे हत्याकांड जैसी वारदातें भी शामिल थीं। हर वारदात के बाद वह अपना नाम और ठिकाना बदल लेता था। एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक शैतान छैमार गिरोह का सक्रिय सदस्य था। गिरोह के सदस्य ज्यादातर दूर-दराज के जिलों में वारदात को अंजाम देते हैं। ये लोग अक्सर बैंड पार्टी या शादी समारोहों में शामिल होकर रेकी करते और फिर निशाने पर आए घरों में डकैती डालते। डकैती के दौरान विरोध होने पर हत्या करना इस गिरोह की पहचान रही है। पुलिस को अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश है।
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Updated on:
12 Oct 2025 12:08 pm
Published on:
12 Oct 2025 12:07 pm
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