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राम मंदिर विवाद की मध्यस्थता समिति में शामिल श्री श्री रवि शंकर के लिए नहीं खुले थे मदरसे के दरवाजे

locationबरेलीPublished: Mar 09, 2019 03:29:13 pm

Submitted by:

jitendra verma

श्री श्री रविशंकर पिछले साल इसी मसले को लेकर बरेली आए थे

The door of the madrasa was not open to Shri Shri ravishankar

राम मंदिर विवाद की मध्यस्थता समिति में शामिल श्री श्री रवि शंकर के लिए नहीं खुले थे मदरसे के दरवाजे

बरेली।अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मध्यस्थता का फैसला सुनाया है। मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन किया गया है जिसमे आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर को भी शामिल किया गया है। श्री श्री रविशंकर पिछले साल इसी मसले को लेकर बरेली आए थे और उन्होंने यहाँ आला हजरत खानदान के मौलाना तौक़ीर रज़ा खान से मुलाकात की थी लेकिन श्री श्री रविशंकर के लिए मथुरापुर के मदरसे का गेट बंद कर दिया गया था वो बाहर 15 मिनट इन्तजार करने के बाद लौट आए थे।
मुहीम को लगा था झटका

श्री श्री रविशंकर के लिए मदरसे का गेट ना खोला जाना एक तरह से उनकी मुहीम को झटका लगा था। श्री श्री ने मदरसे में जाने से पहले आईएमसी के मौलाना तौकीर रजा खां से भी मुलाकात की थी लेकिन इस मुलाकात में भी सीधे तौर पर कोई बात नही बन पाई उसके बाद दरगाह आला हजरत से जुड़े मदरसे के दरवाजे श्री श्री के लिए नही खुले। इस बारे में भले ही कोई खुलकर नही बोल रहा है लेकिन इतना तो साफ है कि बरेलवी मसलक की तरफ श्री श्री की मुहिम को झटका लगा है। भले ही यहां से कोई पक्षकार नही है लेकिन दरगाह आला हजरत के मुरीद देश ही नही विदेशों में भी है।
बयान से नाराज हुए थे मुस्लिम

श्री श्री रविशंकर के अयोध्या मसले पर दिए गए एक बयान के बाद मुस्लिम समाज काफी नाराज हुआ था। श्री श्री ने कहा था कि अगर अयोध्या मसले का हल नहीं निकला तो भारत सीरिया बन जाएगा। इनके इस बयान से मुस्लिम खासे नाराज हुए थे हालाँकि उन्होंने बरेली पहुंच कर अपने बयान पर सफाई भी दी थी। उन्होंने मौलाना तौक़ीर के निवास पर अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि वो सपने में भी किसी को धमकी देने के बारे में नहीं सोच सकते है। अब जबकि उन्हें मध्यस्थता वाले पैनल में शामिल किया गया है तो उलेमाओं में बेचैनी बढ़ गई है। इस मसले पर भले ही कोई खुल कर कुछ न बोल रहा हो लेकिन बरेली में श्री श्री के दौरे के दौरान मदरसे का गेट न खोला जाना इसी का उदाहरण माना जा रहा है।

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