दर्शन के लिए कार से मथुरा जा रहा था परिवार
आशीष ने बताया कि वह देर रात कार से पत्नी और बेटे के साथ मथुरा में दर्शन के लिए जा रहा था। वह खुद ही कार चला रहा था, जबकि पत्नी मीना, बेटे के साथ कार में पीछे वाली सीट पर बैठी थी। देर रात करीब तीन बजे कासगंज के ढोलना थाना क्षेत्र के कैनाल रूट बाइपास पर भगवंतपुर के पास उन्हें तेज झपकी आ गई। उनकी कार अचानक अनियंत्रित हो गई। इसी बीच कार संकेतक बोर्ड के पोल से जा टकराई।
आशीष ने बताया कि वह देर रात कार से पत्नी और बेटे के साथ मथुरा में दर्शन के लिए जा रहा था। वह खुद ही कार चला रहा था, जबकि पत्नी मीना, बेटे के साथ कार में पीछे वाली सीट पर बैठी थी। देर रात करीब तीन बजे कासगंज के ढोलना थाना क्षेत्र के कैनाल रूट बाइपास पर भगवंतपुर के पास उन्हें तेज झपकी आ गई। उनकी कार अचानक अनियंत्रित हो गई। इसी बीच कार संकेतक बोर्ड के पोल से जा टकराई।
पत्नी और बेटे को बाहर निकालने में झुलस गए हाथ-पैर
हादसे के तुरंत बाद ही मौके पर ट्रक चालक पहुंच गए। उन्होंने आशीष जैसे ही कार से बाहर निकाला तब कार में आग लग गई। इस पर आशीष ने कार में फंसे घायल पत्नी-बेटे को बाहर निकालने की कोशिश की। इस कोशिश में उसके हाथ-पैर भी झुलस गए लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। इसके बाद आग की वजह से कार का टायर तेज धमाके की वजह से फट गया, फिर कार पूरी तरह जल गई।
हादसे के तुरंत बाद ही मौके पर ट्रक चालक पहुंच गए। उन्होंने आशीष जैसे ही कार से बाहर निकाला तब कार में आग लग गई। इस पर आशीष ने कार में फंसे घायल पत्नी-बेटे को बाहर निकालने की कोशिश की। इस कोशिश में उसके हाथ-पैर भी झुलस गए लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। इसके बाद आग की वजह से कार का टायर तेज धमाके की वजह से फट गया, फिर कार पूरी तरह जल गई।
बहनोई की थी कार
रफियाबाद गांव के विनोद यादव ने बताया कि आशीष उनका तहेरा भाई था। आशीष ने करीब दो साल पहले बहन की शादी में यही कार दहेज में दी थी। उसने परिवार के साथ बांके बिहारी के दर्शन के लिए बहन से कार मांग ली थी।
रफियाबाद गांव के विनोद यादव ने बताया कि आशीष उनका तहेरा भाई था। आशीष ने करीब दो साल पहले बहन की शादी में यही कार दहेज में दी थी। उसने परिवार के साथ बांके बिहारी के दर्शन के लिए बहन से कार मांग ली थी।