बरेली

जोधपुर के पारंपरिक जलस्रोत लड़ रहे अपने अस्तित्व की लड़ाई

शहर के पारंपरिक तालाबों व बावडिय़ों के लिए जाना जाता है। देश-विदेश से लोग जल संरक्षण की यह शैली समझने के लिए आते हैं, लेकिन हम इन जलस्रोतों को भुला चुके हैं। ये कहना है जल भागीरथी फाउंडेशन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कनुप्रिया हरीश का।

बरेलीApr 21, 2017 / 08:18 pm

Harshwardhan bhati

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शहर के पारंपरिक तालाबों व बावडिय़ों के लिए जाना जाता है। देश-विदेश से लोग जल संरक्षण की यह शैली समझने के लिए आते हैं, लेकिन हम इन जलस्रोतों को भुला चुके हैं। ये कहना है जल भागीरथी फाउंडेशन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कनुप्रिया हरीश का।
प्यास बुझी तो भूल गए पारंपरिक जलस्रोत, जोधपुर में अब बदहाल हो रही जल संस्कृति

उनका कहना है कि फ लस्वरूप हमारे प्राचीन जलस्रोत अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके विपरीत गांवों में जल संरक्षण के प्रति लोगों की समझ पहले की अपेक्षा बढ़ी है। जल भागीरथी फ ाउंडेशन इसी पर कार्य कर रही है ताकि पारंपरिक जलस्रोतों का वैभव फिर लौटा सकें। जनता को भी अपने प्राचीन जलस्रोतों का संरक्षण करने में न केवल रुचि लेना चाहिए, बल्कि इस काम में सहयोग भी करना चाहिए।

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