यूनिवर्सिटी के विधि विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अमित सिंह ने बताया कि एलएलबी,एलएलएम और पीएचडी के छात्र छात्राएं अब तीन तलाक पर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि इस पर रिसर्च भी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि एक छात्र इस पर पीएचडी भी कर रहा है। उन्होंने बताया कि रुहेलखंड यूनिवर्सिटी प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी है जिसने तीन तलाक को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है।
तीन तलाक कानून की पढ़ाई के लिए इसमें अब तक हुए तलाक के चर्चित मामलों के एक एक पहलू से छात्र छत्राओं को रूबरू कराया जाएगा। 1984 में शाहबानो केस साथ देश के 16 चर्चित तलाक के मामलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके साथ ही तीन तलाक कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं की क्या स्थिति है इस पर पीएचडी और एलएलएम में शोध किए जाएंगे।