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बैंड बाजे वाली शादियों का मुस्लिम करें बहिष्कार: उलेमा

locationबरेलीPublished: Nov 14, 2017 12:24:13 pm

आला हजरत का 99वें उर्स में उलेमाओं ने कहा कि अगर किसी मर्द ने अपनी बीवी को तीन तलाक एक ही वक्त में दिया है तो तलाक मान्य होगा।

Ala Hazarat urs
बरेली। आला हजरत का 99वां उर्स परचम कुशाई की रस्म के साथ शुरू हो गया है। उर्स में शामिल होने के लिए देश और विदेश के तमाम उलेमा बरेली पहुंचे हुए हैं।शहर काजी मुफ़्ती असजद रज़ा खान की उपस्थिति में उलेमाओं ने आम मुसलमानों में फ़ैल रही गलत रस्मो रिवाज और ऐसी बातों की जिनका इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है का शरीयत की रोशनी में खुल कर मजम्मत की। उलेमाओं ने कहा कि आज कल चल रही शादियों में फिजूलखर्ची जैसे बैंड बाजा और डीजे आदि का इस्तेमाल हो रहा हौ, जो कि इस्लाम में ***** है। मस्जिदों के इमामों से गुजारिश की गई कि वो जुमे की नमाज में इन मसलों पर चर्चा करें साथ ही मुसलामनों से ऐसी शादियों का बहिष्कार करने की अपील की ताकि इन बुराइयों को दूर किया जा सके।

तीन तलाक पर भी हुई चर्चा

उर्स में मजहबी मसलों जैसे तीन तलाक के विषय पर भी उलेमाओं ने तकरीरें की और कहा कि तलाक मुसलमानों का शरई मामला है और तलाक के मसले पर तब्दीली किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही उलेमाओं ने कहा कि अगर किसी मर्द ने अपनी बीवी को तीन तलाक एक ही वक्त में दिया है तो शरीयत की रोशनी में तीन तलाक मान्य होगी। एक वक्त में तीन तलाक कुरआन एवं हदीस का फैसला है जिसमें कोई आलिम या मुफ़्ती भी बदलाव नहीं कर सकता। उलेमाओं ने तलाक का मसला समझते हुए कहा कि अल्लाह के नजदीक तमाम हलाल चीजों में सबसे नापसंद तलाक है। इसलिए तलाक से परहेज करें। अगर ज्यादा जरूरी है तो इस्लाम के सही तरीके से तलाक दें।

बड़ी तादात में पहुंचे जायरीन

उर्स के पहले दिन बड़ी तादात में अकीदतमंद चादरों और परचम का जुलूस लेकर दरगाह आला हजरत पहुंचे। ठिरिया निजावत खान और कटघर किला से सबसे बड़ा जुलूस दरगाह पहुंचा। आला हजरत के नारे लगाते अकीदतमंद दरगाह पहुंचे और चादरपोशी की। जायरीनों के स्वागत के लिए जगह जगह पर लंगर सज गए हैं।
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