बरेली के अशोक शर्मा भी उन लोगों में शामिल हैं जिनके सामने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने की घटना हुई। मढ़ीनाथ मोहल्ले में रहने वाले अशोक शर्मा ने छह दिसंबर 1992 की पूरी घटना का आंखों देखा हाल सुनाया और विश्वास जताया कि वहां पर भव्य राममंदिर का निर्माण होगा।
अपने साथियों के साथ पहुंचे अयोध्या
अशोक शर्मा बताते हैं कि उन दिनों वो बजरंग दल से जुड़े हुए थे और अपने साथियों के साथ तीन दिसंबर को अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। छह दिसंबर को कारसेवा होनी थी और सरयू नदी की मिटटी को मुट्ठी में ले जाकर एक स्थान पर डालने का निर्देश कारसेवकों को मिले था। कारसेवा को देखते हुए काफी सुरक्षा के इंतजाम भी थे। मंच पर अशोक सिंघल, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता मौजूद थे, मंच पर तमाम साधू संत भी थे जो मंदिर निर्माण को लेकर भाषण दे रहे थे। अशोक शर्मा बताते है कि अचानक शोर मचा कि गर्भ गृह में कोई घुस गया है, जिसके बाद अशोक सिंघल नीचे उतर आए और सुरक्षा कर्मियों से उनकी बहस भी हुई इस सब के बीच कारसेवकों ने लोहे के पोल से बनी बेरिकेडिंग तोड़ दी और लोहे के पाइप लेकर ढांचे की तरफ बढ़ने लगे उन्हें रोकने की कोशिश आरएसएस के लोगों द्वारा की गई लेकिन वो नहीं रुके और लोहे के पाइप लेकर ढांचे पर चढ़ गए और लोहे के पाइप से ही गुंब्बद को तोड़ने लगे 45 मिनट के अंदर ही विवादित ढांचे को ढहा दिया गया और शाम तक मलवे को भी हटा दिया गया।
अशोक शर्मा बताते हैं कि उन दिनों वो बजरंग दल से जुड़े हुए थे और अपने साथियों के साथ तीन दिसंबर को अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। छह दिसंबर को कारसेवा होनी थी और सरयू नदी की मिटटी को मुट्ठी में ले जाकर एक स्थान पर डालने का निर्देश कारसेवकों को मिले था। कारसेवा को देखते हुए काफी सुरक्षा के इंतजाम भी थे। मंच पर अशोक सिंघल, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता मौजूद थे, मंच पर तमाम साधू संत भी थे जो मंदिर निर्माण को लेकर भाषण दे रहे थे। अशोक शर्मा बताते है कि अचानक शोर मचा कि गर्भ गृह में कोई घुस गया है, जिसके बाद अशोक सिंघल नीचे उतर आए और सुरक्षा कर्मियों से उनकी बहस भी हुई इस सब के बीच कारसेवकों ने लोहे के पोल से बनी बेरिकेडिंग तोड़ दी और लोहे के पाइप लेकर ढांचे की तरफ बढ़ने लगे उन्हें रोकने की कोशिश आरएसएस के लोगों द्वारा की गई लेकिन वो नहीं रुके और लोहे के पाइप लेकर ढांचे पर चढ़ गए और लोहे के पाइप से ही गुंब्बद को तोड़ने लगे 45 मिनट के अंदर ही विवादित ढांचे को ढहा दिया गया और शाम तक मलवे को भी हटा दिया गया।
सुरक्षाकर्मियों ने नहीं रोका
अशोक शर्मा का कहना है कि इतना सब होने के बाद भी पीएसी और अन्य सुरक्षा कर्मियों को नहीं रोका और वो शांत रहे, जिससे कारसेवकों को और बल मिला। उनका कहना है कि अगर सुरक्षाकर्मी रोकने की कोशिश करते तो काफी जाने जा सकती थीं। अशोक शर्मा बताते हैं कि बाहर से पुलिस फ़ोर्स न आ सके, इसके लिए सड़कों पर पेड़ काट कर डाल दिए गए थे। अशोक शर्मा ने बताया कि वो नौ दिसंबर को अयोध्या से वापस बरेली आ गए।
अशोक शर्मा का कहना है कि इतना सब होने के बाद भी पीएसी और अन्य सुरक्षा कर्मियों को नहीं रोका और वो शांत रहे, जिससे कारसेवकों को और बल मिला। उनका कहना है कि अगर सुरक्षाकर्मी रोकने की कोशिश करते तो काफी जाने जा सकती थीं। अशोक शर्मा बताते हैं कि बाहर से पुलिस फ़ोर्स न आ सके, इसके लिए सड़कों पर पेड़ काट कर डाल दिए गए थे। अशोक शर्मा ने बताया कि वो नौ दिसंबर को अयोध्या से वापस बरेली आ गए।
ख़ुफ़िया विभाग ने काफी परेशान किया
अशोक शर्मा का कहना है कि बरेली के कारसेवकों पर एलआईयू की निगाह थी और उन्हें अयोध्या जाने से पहले ही पकड़ा जा रहा था। उनके घर पर भी पुलिस ने कई बार दबिश दी, लेकिन वो घर पर नहीं रुकते थे और वो अपने साथियों के साथ अयोध्या जाने में कामयाब हो गए। अब उनका कहना है कि इस मामले में बहुत राजनीति हो चुकी है और अयोध्या में राम मंदिर बनेगा और वो भी सर्वसम्मति से बनेगा।
अशोक शर्मा का कहना है कि बरेली के कारसेवकों पर एलआईयू की निगाह थी और उन्हें अयोध्या जाने से पहले ही पकड़ा जा रहा था। उनके घर पर भी पुलिस ने कई बार दबिश दी, लेकिन वो घर पर नहीं रुकते थे और वो अपने साथियों के साथ अयोध्या जाने में कामयाब हो गए। अब उनका कहना है कि इस मामले में बहुत राजनीति हो चुकी है और अयोध्या में राम मंदिर बनेगा और वो भी सर्वसम्मति से बनेगा।