एटीएस UP ATS की गिरफ्त में आया माओवादी खीम सिंह बोरा अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर कस्बे का रहने वाला है। इसने 1983 में बीएससी प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था लेकिन आंदोलन से जुड़ने के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी। फिर 1984 में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया, जिसे उत्तीर्ण कर लीसा आंदोलन से जुड़ने के कारण पढ़ाई बिल्कुल छोड़ दी। जिसके बाद ये 2003 में माओवादी सेंट्रल कमेटी ऑफ इंडिया (MCCI) से जुड़ा। जुलाई 2004 में MCCI-PLGA ट्रेनिंग कैम्प, हस्तपुर खत्ता नैनीताल के जंगलों में आयोजित किया, जिसमे मध्य प्रदेश से देशी हथियार बनाने के लिए 2 विशेषज्ञ बुलवाए, जिन्होंने 6 शस्त्र ट्रेनिंग कैम्प में ही बना कर दिए। इसमे पश्चिमी चंपारण बिहार से ट्रेनिंग देने के लिए दो विशेषज्ञ आए। यह कैम्प 15 दिन तक आयोजित किया गया।
2012 और 2016 में उत्तराखंड विधानसभा और 2014 में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए अल्मोड़ा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने वॉल राइटिंग और पोस्टर चिपकाने का कार्य बड़े पैमाने पर किया गया। फरवरी 2016 में नैनीताल जिले में उपजिलाधिकारी के सरकारी वाहन को जलाने का प्रयास किया गया और सोमेश्वर की स्थानीय विधायक के घर के बाहर दहशत फैलाने के लिए पटाखों से धमाके किए। वर्ष 2017 में उत्तराखंड पुलिस ने इसके ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित किया। अप्रैल/मई 2017 में अल्मोड़ा, नैनीताल और बागेश्वर इलाके में शराबबंदी, रोजगार और पलायन के विषयों पर वॉल राइटिंग और पोस्टर चिपकाने का कार्य किया गया। वर्तमान में उत्तराखंड में माओवादियों का संगठन कमजोर होने के कारण यह यहां से भाग कर CPI (M) की केंद्रीय समिति में शामिल होने का प्रयास कर रहा था।
वर्ष 1983 से 2003 तक विभिन्न किसान आंदोलनों, छात्र और जनआंदोलनों में सक्रिय रहा। CPI (Maoist)की 3 USAC(Uttar bihar-uttar pradesh-uttrakhand special aria committe) का सदस्य रहा यह CPI(Maoist) की 3 USAC की 2006 में जोनल कमेटी के गठन के समय से ही सचिव है, जिसका मुख्य कार्य CPI(Maoist) की विचारधारा को विशेषकर किसान, छात्र, मजदूर व युवाओं के बीच प्रचार प्रसार करना और पार्टी के लिए माओवादियों की भर्ती करना है।