scriptइसलिए डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं लोग, ऐसे पाएं निजात | World Mental Health Day 2017 depression treatment in hindi | Patrika News

इसलिए डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं लोग, ऐसे पाएं निजात

locationबरेलीPublished: Oct 10, 2017 02:54:15 pm

लगातार बढ़ते काम के बोझ की वजह से कर्मचारी अनजाने में तनाव की तरफ जा रहे है।

World Mental Health Day 2017

World Mental Health Day 2017

बरेली। लगातार बढ़ते काम के बोझ की वजह से कर्मचारी अनजाने में तनाव की तरफ जा रहे है। शायद यही कारण है कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार ‘कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य’ को अपनी थीम बनाया है। यह विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की 25वीं वर्षगांठ है।

जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉक्टर आशीष कुमार ने बताया कि कार्यस्थल पर डिप्रेशन बढ़ी तेजी से बढ़ रहा है। नींद की कमी, चिड़चिड़ापन, घबराहट, डिप्रेशन जैसे लक्षण अगर कर्मचारियों में देखने को मिले तो समझ ले कार्यस्थल पर अवसाद बढ़ रहा है।
जिला अस्पताल में लगा कैंप
जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें एड़ी हेल्थ डाक्टर प्रमिला गौड़, सीएमओ डॉक्टर वीके शुक्ला, सीएमएस डॉक्टर केएस गुप्ता के साथ ही मनोचिकित्सक भी शामिल हुए। शिविर में आए लोगों की जांच की गई और उन्हें दवा दी गई। साथ ही लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया।

मानसिक रोगों के बारे में कुछ तथ्य
– मानसिक रोग साध्य है।
– मानसिक रोग किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है।
– मानसिक रोग दवा से ठीक हो जाता है।
– मानसिक रोग होने पर छुपाए नहीं।
– मानसिक रोग होने पर झाड़ फूंक न कराएं।
– मानसिक होने पर मानसिक रोग विशेषज्ञ से मिले।
मानसिक रोग के लक्षण
– मन उदास रहना, किसी काम मे मन न लगना, नींद न आना, आत्महत्या के विचार आना।
– ज्यादा बोलना, बिन बात के लड़ाई झगड़ा करना, गुस्सा आना, तोड़फोड़ करना।
– ज्यादा साफ सफाई करना, एक कार्य को बार बार करना, मन में निगेटिव विचार आना।
– घबराहट बेचैनी होना, दिल बैठना, हाथ पैर ढीले पड़ जाना, पसीना आना।

मिर्गी का दौरा आना
– बुढ़ापे में भूलने की दिक्कत होना, व्यवहार में परिवर्तन होना।
– महिलाओं में तनाव के कारण बेहोशी के दौरे पड़ना।
– लंबे समय से सिर में दर्द रहना या माइग्रेन की दिक्कत होना।

बच्चों में मानसिक रोग के लक्षण
– मंदबुद्धि होना, चीजों को देर से समझना।
– बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना।
– बच्चों में ध्यान लगाने की दिक्कत होना या अधिक उपद्रवी होना।
– बच्चों का बड़ो से जवान लड़ाना, झूठ बोलना, चोरी करना।
– बच्चों के व्यवहार में एकदम से परिवर्तन होना।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो