बाड़मेर . दिखावा करने में अधिकारी किस हद तक जा सकते हैं इसका उदाहरण नगर परिषद में देखने को मिल जाएगा। पिछले दिनों जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने शहर के निरीक्षण के दौरान सार्वजनिक संपत्ति पर लगे पोस्टर हटाने के निर्देश दिए थे।
उसी समय परिषद के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम बनाकर पोस्टर हटाने भी शुरू कर दिए, लेकिन यह महज दिखावा और खानापूर्ति ही साबित हुई। हकीकत यह है कि शहर में दीवारें और यहां तक की कलक्टे्रट के मुख्य द्वार भी पोस्टर से बदरंग हैं। एक दिन की दिखावे की कार्रवाई के बाद पोस्टर हटाने का काम बंद ही हो गया।
शहर का सौन्दर्य बिगाड़ रहे पोस्टर
शहर की सार्वजनिक सम्पत्ति व अन्य स्थानों पर बिना किसी अनुमति के पोस्टर लगाए जाते रहे हैं। ये पोस्टर दीवारों को बदरंग करने के साथ वाहन चालकों का ध्यान भटका सकते हैं। ऐसे में दुर्घटना का खतरा भी रहता है। वहीं पोस्टर से शहर के सौन्दर्य को भी दाग लग रहा है। शहर के संकेत बोर्ड्स पर भी इश्तहार व पोस्टर लगने से चिह्न दिखाई नहीं देते हैं।
यहां लगे हुए हैं पोस्टर : जिला अस्पताल, ओवरब्रिज, कॉलेज, स्टेडियम, महावीर पार्क, कलक्ट्रेट, विभिन्न चौराहे, बस स्टैंड सहित सरकारी कार्यालय व सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टरों पर सम्बधित कम्पनी व कार्मिकों के नाम व मोबाइल नंबर आदि लिखे होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही।
नियमों की नहीं हो रही पालना : सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत नगर परिषद की बिना अनुमति सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर या इश्तहार लगाने पर जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। इसके बाद ऐसा करते पाए जाने पर सजा का प्रावधान है। इसके बाद भी नगर परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
उसी समय परिषद के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम बनाकर पोस्टर हटाने भी शुरू कर दिए, लेकिन यह महज दिखावा और खानापूर्ति ही साबित हुई। हकीकत यह है कि शहर में दीवारें और यहां तक की कलक्टे्रट के मुख्य द्वार भी पोस्टर से बदरंग हैं। एक दिन की दिखावे की कार्रवाई के बाद पोस्टर हटाने का काम बंद ही हो गया।
शहर का सौन्दर्य बिगाड़ रहे पोस्टर
शहर की सार्वजनिक सम्पत्ति व अन्य स्थानों पर बिना किसी अनुमति के पोस्टर लगाए जाते रहे हैं। ये पोस्टर दीवारों को बदरंग करने के साथ वाहन चालकों का ध्यान भटका सकते हैं। ऐसे में दुर्घटना का खतरा भी रहता है। वहीं पोस्टर से शहर के सौन्दर्य को भी दाग लग रहा है। शहर के संकेत बोर्ड्स पर भी इश्तहार व पोस्टर लगने से चिह्न दिखाई नहीं देते हैं।
यहां लगे हुए हैं पोस्टर : जिला अस्पताल, ओवरब्रिज, कॉलेज, स्टेडियम, महावीर पार्क, कलक्ट्रेट, विभिन्न चौराहे, बस स्टैंड सहित सरकारी कार्यालय व सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टरों पर सम्बधित कम्पनी व कार्मिकों के नाम व मोबाइल नंबर आदि लिखे होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही।
नियमों की नहीं हो रही पालना : सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत नगर परिषद की बिना अनुमति सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर या इश्तहार लगाने पर जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। इसके बाद ऐसा करते पाए जाने पर सजा का प्रावधान है। इसके बाद भी नगर परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।