करीब बीस साल पहले प्रारंभ हुए इस स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है। नजदीक में अन्य विद्यालय नहीं होने से आर्थिक रूप से पिछड़े ग्रामीण यहां पर विद्यार्थी पढ़ाने को मजबूर है। इस गांव की आबादी दो हजार से अधिक है और गांव में एक दसवीं स्तर का विद्यालय होने से सरकार दूसरा मंजूर नहीं कर सकती है।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने यहां संस्कृत शिक्षा का स्कूल खुलवाने की सहमति देकर गलती कर दी, अब उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। यहां दूसरा सरकारी स्कूल होता तो जरूर अध्यापक नियुक्त हो जाते।
नहीं है अन्य अध्यापक- यहां अन्य अध्यापक नहीं है। एक शिक्षक संविदा पर लगाया गया था वो भी जनसहयोग से। अब वो भी नहीं है। एेसे में दस कक्षाआंे को संभालना पड़ता है।
– कार्यरत शिक्षक ये भी पढ़े…
विद्यालय में चोरियों पर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश सेड़वा. राआउमावि बामरला में हो रही चोरियों के बावजूद पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर ग्रामीणों ने सरपंच सावित्री देवी एवं पीईईओ लाखाराम हुड्डा के नेतृत्व में विरोध जताया।
विद्यालय में चोरियों पर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश सेड़वा. राआउमावि बामरला में हो रही चोरियों के बावजूद पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर ग्रामीणों ने सरपंच सावित्री देवी एवं पीईईओ लाखाराम हुड्डा के नेतृत्व में विरोध जताया।
शिक्षक स्वरूपाराम ने बताया कि रविवार रात्रि में चोर विद्यालय के एक भवन का ताला तोड़कर तिजोरी में रखे 45350 रुपए ले गए। इसकी रिपोर्ट सेड़वा थाने में दर्ज करवाई गई, इससे पहले भी कई बार विद्यालय में चोरियां हुई, लेकिन पुलिस चोरों का पता नहीं लगा पाई है। ग्रामीणों ने चोरियों का पर्दाफाश नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।