प्रदेश में चुने गए विधायकों को मिलने के लिए आम आदमी को 15 विधानसभा चुनावों के बाद भी ठिकाना तलाशना पड़ रहा है। जयपुर में तो विधायकों को आवास सुविधा है लेकिन जनसुविधा के लिए विधानसभा मुख्यालय पर विधायक आवास या कार्यालय नहीं है। लिहाजा विधायकों की मर्जी पर निर्भर है कि वे कहां,कब और कैसे जनता से मिलेंगे। बाड़मेर जिले के दो विधायक तो एेसे हैं कि यदि वे घर पर हैं तो मिलने के लिए 100 किमी से ज्यादा दूरी नापनी होगी। दो बसें बदलनी पड़ेगी और दोपहर तक तो उनके घर तक बस ही नहीं पहुंचती।
चौहटन विधायक से मिलने को दो बसें बदलनी होंगी
चौहटन विधायक पदमाराम अपने गांव हेमावास फागलिया में रहते हैं। यह चौहटन मुख्यालय से 80 किमी दूर है। यहां रोडवेज की बस नहीं जाती। प्राइवेट बस भी सीधी नहीं है। सिहाणिया या बाखासर जाना होगा और वहां से दूसरी बस मिलेगी। सुबह का गया हुआ आदमी दोपहर बाद ही लौटकर आ सकता है। विधायक अकसर गांव में ही रहते हैं। एेसे में आम आदमी को इनसे मिलने के लिए 200 रुपए तक किराया, समय, परेशानी सब झेलनी ही पड़ेगी।
शिव विधायक से मिलना है तो 150 किमी का चक्कर शिव विधायक अमीनखां सीमावर्ती गांव देताणी में रहते र्हं। देताणी शिव मुख्यालय से 75 किमी है और दूरस्थ गांवों से 100 किमी से भी ज्यादा। एेसे में विधायक से मिलने के लिए अधिकांश लोगों को 150 से 200 किमी तक आना पड़ता है। यहां पर भी शिव से तो सीधी बस है लेकिन अन्य गांवों से बसें बदलनी पड़ती है। 200 से 300 रुपए किराया लगता है और देताणी में विधायक आवास पर ही सुविधा मिलनी है। अन्य कोई प्रबंध नहीं है। दोपहर 12.30 बजे से पहले तो देताणी में शिव से कोई बस ही नहीं पहुंचती।
ये भी नहीं रहते बायतु विधायक हरीश चौधरी और गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी बाड़मेर में रहते हैं। एेसे में बायतु व गुड़ामालानी के लोगों को भी विधायक से मिलने के लिए जिला मुख्यायल आना मजबूरी है। विधायक जब क्षेत्र में हो तब मिल लें तो अलग बात है।
बने विधायक कार्यालय करीब आठ साल पहले सांसद कार्यालय का निर्माण जिला मुख्यायल पर कलक्ट्रेट में किया गया। यहां सांसद सहित उसके स्टाफ व अन्य लोगों के मिलने के लिए सरकारी स्तर पर सुविधा दी गई। सांसद यहां जनसुनवाई भी कर सकते हैं। इसी तर्ज पर विधानसभा मुख्यालय पर विधायक कार्यालय या आवास हों तो लोगों के लिए सुविधा हो सकती है। – सालगराम परिहार, शिक्षाविद्
परेशानी तो है परेशानी तो लोगों को होती है। दूरी भी है। तीन बसें आती हैं लेकिन दोपहर में पहली बस आती है। वैसे मेरा गांव क्षेत्र के केन्द्र में है। शिव मुख्यालय से दूरी 75 किमी है। मैं तो यहीं रहूंगा। – अमीनखां, विधायक शिव
– दूरी है इसमें कोई दो राय नहीं है। लोगों को परेशानी भी होती है लेकिन अब घर तो यहीं है। विधानसभा मुख्यालय पर कार्यालय हो तो कोई हर्ज नहीं है।- पदमाराम मेघवाल, विधायक चौहटन