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हर कोई पूछ रहा हे मांजीसा…ये क्या हुआ?

locationबाड़मेरPublished: Jun 26, 2019 04:25:53 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

लोकदेवी राणी भटियाणी मांजीसा (majisa) का गांव (jasol) जसोल। लाखों लोगों की आस्था का स्थल जहां देशभर से श्रद्धालु पहुंचते है, मांजीसा से यह अरदास करने की दु:ख दूर कर और जीवन में सुख कर..।

15 people dead in Ram Kath in Jasol

15 people dead in Ram Kath in Jasol

महेन्द्र त्रिवेदी/ धर्मवीर दवे

बालोतरा. लोकदेवी राणी भटियाणी मांजीसा (majisa) का गांव (jasol) जसोल। लाखों लोगों की आस्था का स्थल जहां देशभर से श्रद्धालु पहुंचते है, मांजीसा से यह अरदास करने की दु:ख दूर कर और जीवन में सुख कर..। कतारों में लगे लोगों के जयकारे नहीं थकते है। आज इस मंदिर परिसर में जो भी आया मां के सामने हाथ जोड़कर नम आंखों से सवाल कर रहा था..हे मां..ये क्या हुआ? ( Shriram ktha ) रामकथा में 15 लोगों की मौत ने जसोल गांव को गहरे सदमें डूबो दिया है। इस गांव में 6 लोगों की अर्थियां उठी तो हर मौहल्ले में चित्कार, रूदन, क्रंदन का माहौल था। पिछले चौबीस घंटे से गांव में लोग सोए कम और रोए ज्यादा है। जो बड़े बुजुर्ग राम-राम करते हुए गांव की गलियों में चलते थे, उनकी अर्थियां राम नाम सत्य के साथ उठी तो परिजनों सहित लोगों की रूलाई फूट पड़ी।
होश आते ही रोते है, पूछते है कहां है हमारे अपने

राजकीय नाहटा अस्पताल में 38 जने भर्ती है। किसी के सिर पर चोट है तो किसी के पांव टूट गया है। किसी का हाथ फे्रक्चर तो कोई कंधे पर चोट खाया हुआ। अधिकांश अस्पताल आने से पहले बेहोश हो गए थे। रात को जैसे-जैसे इनको होश आया तो रूलाई फूटने लगी। रोते-रोते अपनों का पूछते और फिर हादसे का दर्द इनको रूलाने लगता।
दो भाई गिरे टेंट के अंदर भागते रहे, पर करंट ने बेहोश कर दिया ( जिन पर बीती)
जसोल निवासी मुकेश सोनी के दो बेटे नीरज व विशाल रविवार दोपहर करीब 3 बजे दोनों गांव में आयोजित श्रीराम कथा में शामिल होने गए थे। कथास्थल पर आगे मंच से कुछ ही दूरी पर बैठे थे। इस पर शामियाने (pandal collapse in barmer) का अगला हिस्सा करीब दो मंजिल के मकान जितना ऊपर हवा में जाकर पास में ग्राम पंचायत के भवन पर गिर गया। इतना होते ही मौके पर भगदड़ सा माहौल हो गया। लोग रोने-चिल्लाने लग गए।
शामियाने का पिछला हिस्सा भी धड़ाम से गिर गया। वहां से हमने दोनों से दौड़ कर बाहर आने का प्रयास किया, लेकिन तब तक आगे एक लोहे की बड़ी एंगल गिर गई, तो वापस टेंट के अंदर चले गए। अंदर गए तो वहां पर गिरी लोहे की एंगल पर भगदड़ में गिर गए। वहां पर बारिश का पानी भी था। इससे पीठ व पैर में करंट आ गया। भाई विशाल कुछ ही दूरी पर था, उसके भी करंट आ गया। करंट आते ही गिर गए।
गिरने के बाद आंखों के आगे अंधेरा छा गया। अस्पताल में देर रात जब छोटे भाईनीरज को होश आया तो उसने पूछा मेरा बड़ा भाई कहां हैं, एक बार तो यह सुनकर नर्सिंगकर्मी भी अचंभित हो गए। उन्होंने कहा कि तुम भी तो घायल हो, लेकिन नीरज अपने भाई के बारे में पूछता रहा। जब उसे बताया कि उसका भाई ठीक है, उसके बाद ही वह बेड पर लेटा।
मां-बेटा बच गए…

जसोल निवासी भोमाराम माली की पत्नी लीला देवी व सात वर्षीय पुत्र धीरज कुमार कथा में थे। धीरज ने दौड़ कर बाहर आता, उससे पहले शामियाना में लगी लोहे की एंगले धड़ाम से ऊपर गिर गई। इससे वह वहीं गिर गया। धीरज की मां देवरानी, जेठानी व अन्य महिलाओं के पास कथा सुन रही थी। आंधी से शामियाना गिरा तो वह भी नीचे दब गई। उसके पास उसकी जेठानी भी गिर गई।
जेठानी को करंट लग गया, उससे उठाने के लिए प्रयास किए तो उसको करंट लगने से गिर गई। गिरने के बाद ये बेहोश हो गई। इसके बाद देर रात को उपचार किए जाने के बाद होश आया। होश आते ही देखा तो सामने बैड पर उसका बेटा भी भर्ती था। बेटे के सिर में एंगल गिरने से दो टांके आए।
350 किमी. से आए थे राम का नाम सुनने- अजमेर जिले के किशनगढ़ शहर से 80 वर्षीय श्रवण खटीक जसोल में श्रीराम कथा के आयोजन का समाचार सुना तो वे भी कथा सुनने के लिए कथा के पहले दिन पहुंच गए। पहले दिन कथा सुनने के बाद जसोल कस्बे में ठहर गए।
दूसरे दिन 2 बजे कथास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद आंधी-बरसात से शामियाना गिर गया। शामियाना से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन लोहे की एंगल पैर पर गिर गया। इससे पैर फैक्चर हो गया। चार पसलियां भी टूट गई। इसके बाद इनकी आंखे बंद हो गई।
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