सीमावर्ती जिले के कई गांव-ढाणियों में विद्युतीकरण अब भी लोगों के लिए सपना ही है। सरकारी दावे महज खानापूर्ति बनते नजर आ रहे हैं। अक्टूम्बर-2017 में शुरू हुई, लेकिन उस दौरान बाड़मेर जिले में दीनदयाल योजना के तहत काम चल रहा था। ऐसे में यह योजना बाड़मेर में मार्च 2019 में लागू की गई, उसके बाद करीब दो साल में डिस्काम में सौभाग्य के तहत 72 हजार कनेक्शन जोड़ दिए, लेकिन फिर भी 50 हजार ढाणियों को ‘सौभाग्यÓ योजना का सौभाग्य नहीं मिल पाया और वंचित रह गए। जिसमें 500 ढाणियां ऐसी है, जिनका बिजली कनेक्शन के लिए डिमाण्ड भी जमा है। दीनदयाल योजना में 1 लाख 32 हजार तो सौभाग्य में 72 हजार ढाणियां रोशन हुई है।
अब जगी उम्मीद
सौभाग्य योजना के तहत दिसम्बर 2020 में काम पूरा हो गया। उसके बाद सरकार ने कोई बजट नहीं दिया। अब केन्द्र सरकार ने बाड़मेर जिले में 18 हजार कनेक्शन के लिए बजट जारी किया। जिसका डिस्कॉम जल्द टेण्डर जारी करेगी।
कई योजनाएं, फिर भी रहा अंधेरा
सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कई गांवों में आज भी हजारों परिवार विद्युतीकरण से वंचित है, जबकि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सहित कई योजनाएं सरकार ने चलाई, लेकिन अभी भी कई परिवार बिजली से वंचित है।
अब जगी उम्मीद
सौभाग्य योजना के तहत दिसम्बर 2020 में काम पूरा हो गया। उसके बाद सरकार ने कोई बजट नहीं दिया। अब केन्द्र सरकार ने बाड़मेर जिले में 18 हजार कनेक्शन के लिए बजट जारी किया। जिसका डिस्कॉम जल्द टेण्डर जारी करेगी।
कई योजनाएं, फिर भी रहा अंधेरा
सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कई गांवों में आज भी हजारों परिवार विद्युतीकरण से वंचित है, जबकि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सहित कई योजनाएं सरकार ने चलाई, लेकिन अभी भी कई परिवार बिजली से वंचित है।
18 हजार ढाणियों में मिलेंगे कनेक्शन
केन्द्र सरकार ने सौभाग्य योजना के दूसरे चरण के तहत कनेक्शन जारी करने के लिए बजट दिया है। जोधपुर डिस्कॉम से पत्र भी मिला है। बाड़मेर जिले में 18 हजार ढाणियों को विद्युतीकरण से जोडऩे के लिए जल्द डिस्कॉम टेण्डर प्रक्रिया शुरू करेगा। – दुर्गाराम, सौभाग्य योजना, डिस्कॉम, बाड़मेर