scriptबाड़मेर में 34 ब्लैक स्पॉट चिन्हित,जहाँ अब तक 180 लोगों की जा चुकी है जान,जानिए पूरी खबर | 34 black spots marked in Barmer Where so far 180 people have died | Patrika News

बाड़मेर में 34 ब्लैक स्पॉट चिन्हित,जहाँ अब तक 180 लोगों की जा चुकी है जान,जानिए पूरी खबर

locationबाड़मेरPublished: Feb 10, 2018 10:59:00 am

Submitted by:

Mahendra Trivedi

– पुलिस सर्वे में खुलासा, स्थिति चिंताजनक
– जिलेभर में 34 ब्लैक स्पॉट चिन्हित, राष्ट्रीय राजमार्ग पर 23
– सिणधरी चौराहा को भी माना है ब्लैक स्पॉट

latest news, accident

34 black spots marked in Barmer Where so far 180 people have died

बाड़मेर.धीरे और धैर्य से चले। यहां आपने गफलत की तो जान पर बन सकती है। जिले में 34 एेसे स्थान है जहां पिछले 3 साल में 180 लोगों की मौत हो चुकी है। 380 हादसे हुए है और 366 लोग घायल हो गए है। पुलिस और यातायात महकमा इनको ब्लैक स्पॉट की सूची में शामिल कर चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर 23 ब्लैक स्पॉट है। राज्य राजमार्ग पर 5 व अन्य सड़क मार्ग पर 6 है।
यह है खतरनाक जगहें

टापरा, कालूड़ी, आसाड़ा, लूखू भाखरी, चौहटन चौराहे से सिणधरी चौराहे तक, दुर्गापुर, थोब, माडपुरा, हरसाणी फांटा, भाडखा, जालीपा, कुर्जा फांटा, खेतसिंह की प्याऊ, कलजी का पालीया, अराबा, कल्याणपुर, डोली, सरवड़ी, चारलाई, शिव कस्बा, सरहद निम्बला, कस्बा गूंगा। इसी तरह राज्य राजमार्ग पर पचपदरा, पटाउ, भीमरलाई, लंगेरा रिषभ होटल, मारूड़ी। अन्य सड़क मार्ग पर बीएसएफ गेट, रेलवे स्टेशन, सिणधरी चौराहा, राजकीय अस्पताल से हिंगलाज नगर, गेहूं रोड़।
यह रखी गलतियां
– स्पीड ब्रेकर ,रोड साईन, यातायात संकेतक बोर्ड, गोलाई में रैम चिन्ह नहीं लगाए गए

हादसों की वजह

-चढ़ाई गोलाई व सम्पर्क सड़क
– रोड क्रॉसिंग, गोलाई, सड़क के चारों तरफ बबूल
– आवारा पशुओं का जमावड़ा, सड़क पर मोड़
– सड़क चौड़ाई कम होने, गोलाई व अधिक यातायात दबाव

– कहीं स्थानों पर सड़क टूटी हुई, कई जगह वाहन चालक की लापरवाही
क्या है ब्लैक स्पॉट
राष्ट्रीय राजमार्ग या अन्य किसी सड़क पर 500 मीटर की दूरी तक के क्षेत्र में पिछले 3 साल में 5 सड़क दुर्घटनाएं या हादसे में 10 लोगों की मौत होने पर ऐसे स्थलों को ब्लैक स्पॉट माना गया है। ऐसे स्थानों पर दुर्घटना निवारण के त्वरित उपाय तथा सुझाव को लेकर संबंधित विभाग को निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट भेजने के निर्देश मिले थे।
फैक्ट फाईल
वर्ष- मौत- हादसे- घायल

2014- 71 – 150 – 157
2015 – 54 – 95 – 111

2016 – 54 – 95 – 112

ज्यादातर ग्रामीण इलाके है

ब्लैक स्पॉट पर ज्यादातर हादसे ग्रामीण इलाकों में हुए है। इसमें वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करें। बाइक सवार हेलमेट पहन कर निकले। हादसों में कमी लाने के लिए सड़क निर्माण एजेंसी को सुधार हो लेकर लिखा गया है। पुलिस व परिवहन ने संयुक्त सर्वे करवाया है। सभी के संयुक्त प्रयास से हादसों में कमी लाई जाएगी। – डॉ. गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक
पत्रिका व्यू

सड़कों पर संकेतक, साइन बोर्ड, जेबरा क्रासिंग, स्पीड ब्रेकर और यातायात नियमों की पालना से जुड़े संकेतकों का अभाव रहा है तो इन हादसों में संबंधित एजेंसी जिसने सड़क बनाई है उसकी बड़ी खामी है। इसके अलावा ग्रामीण सड़कों को संपर्क सड़क मानकर राष्ट्रीय राजमार्ग से एेसे जोड़ा गया है कि हादसे को न्यौता दे रही है। पीडब्ल्यूडी, राष्ट्रीय राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित अन्य एजेंसियां सड़क निर्माण कर रही है। तालमेल के अभाव के चलते सड़कों का क्रास इतना खतरनाक हो रहा है कि जानलेवा साबित हो रहा है। ब्लैक स्पॉट हटाने से पहले यह भी सुनिश्चित हों जानलेवा गलतियां की किसने?
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो