सोनड़ी में अमावस्या मेले की पूर्व संध्या पर भग वान जांभोजी का विशाल जागरण हुआ। स्वामी कृपाचार्य वणीधाम चुरू ने जांभोजी से संबंधित विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी। सोनड़ी के महंत स्वामी हरि दास ने सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में सत्संग का उतना ही महत्व है जितना भोजन का। बिना सत्संग इस भवसागर से पार नहीं हो सकते हैं। स्वामी रामानंद ने जाम्भाणी परंपरा अनुसार जाग रण परंपराओं को निरंतर जारी रखने का आह्वान करते हुए प्रत्येक घर में प्रतिवर्ष एक जागरण करवाने का आह्वान किया। स्वामी रघुवर दास जाम्भा ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन सेवक दल के अध्यक्ष मोहन लाल खिलेरी एवं कोषाध्यक्ष सुख राम खिलेरी ने किया