पुलिस के अनुसार सत्ताराम हरिद्वार से स्नान करने के बाद कुम्भ पहुंचे। यहां पवित्र स्नान किया और वापस घर के लिए रवाना हो गए, लेकिन भटककर जम्मू-कश्मीर पहुंच गए। उसके बाद वहां से भटकते-भटकते जनवरी 2017 अजमेर पहुंचे। यहां एक वृद्धाश्रम में पहुंचे तो आश्रम वालों ने उन्हें भरतपुर भेज दिया। भरतपुर के बाद सत्ताराम को अपना आश्रम बीकानेर भेजा गया।
जानकारी पर बीकानेर पहुंची पुलिस
जानकारी पर बीकानेर पहुंची पुलिस
गुमशुदगी दर्ज होने के बाद गिड़ा पुलिस ने कई जगह पूछताश की। पेम्फलेट्स छपवाकर आस-पास के राज्यो में भी इतला की गई। साथ ही मंदिर , धर्मशालाओं व वृद्धाश्रमों में भी तलाश की गई। इसके बाद हाल ही में पुलिस को एक संदेश मिला कि बीकानेर के अपना आश्रम में बाड़मेर का वृद्ध है। इस पर जांच अधिकारी ने हैड कांस्टेबल पहलादराम व सालूराम को बीकोनर भेजा गया। पुलिस वहां पहुंची तो सत्ताराम आश्रम में माला फेर रहे थे। इसके बाद उन्हें सरदाराराम के साथ अपने घर परेऊ लाया गया।
गिड़ा थानाधिकारी गुमानाराम चौधरी ने बताया कि परेऊ निवासी सत्ताराम के दत्तक पुत्र सरदाराराम ने अगस्त 2017 में गुमशुदगी दर्ज कराई कि उनके पिता सत्ताराम अगस्त 2012 में घर से हरिद्वार तीर्थ करने का कहकर निकले थे। वे अभी तक वापस नहीं पहुंचे और ना ही उनकी कोई जानकारी है। इस पर पुलिस ने खोजबीन शुरू की।