ऐसे में लोगों ने
नगर परिषद व टीम का विरोध जताते हुए धरोहर राशि वापिस ले ली। उन्होंने इस प्रकार की कार्यशैली का विरोध जताया। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को भी महावीर नगर में खुली बोली लगाई गई थीए लेकिन धरोहर राशि के विवाद के चलते खुली बोली नहीं हो पाई थी।
नगर परिषद की ओर से महावीर नगर में 9 भूखंडों को खुली बोली लगाकर बेचना है। इसके लिए न्यूनतम बोली 21 लाख रुपए रखी गई। बोली के पहले दिन गुरुवार को धरोधर राशि जमा करवाने को लेकर बोलीदाताओं व नगर परिषद कार्मिकों के बीच विवाद हो गया।
ऐसी में बोली को रोकना पड़ा। दूसरे दिन बोली तो प्रारम्भ हो गई। इस दौरान दो भूखंडो की बोली लग गई, लेकिन तीसरे भूखंड की बोली उसके समांतर नहीं आने पर टीम ने भूखंड को बेचने पर असहमति जता दी। इसके बाद किसी भी भूखंड की नीलामी नहीं हो पाई।
लोगों ने जताया विरोध बोली में उपस्थित लोगों ने इस बात को लेकर विरोध जताया कि जब न्यूनतम बोली से अधिक राशि बोली जा रही है तो भूखंड बोलीदाता को क्यों नहीं दिया जा रहा है। टीम ने कहा कि समांतर राशि नहीं आने पर बेचान रोकना होगा। इस पर लोगों ने टीम की कार्यप्रणाली का विरोध जताते हुए कहा कि खुली बोली का फिर क्या औचित्य। काफी देर तक चले विवाद के बाद आखिरकार बोली को निरस्त किया गया।
दो दिन की मशक्कत, परिणाम कुछ नहीं नगर परिषद की ओर से भूखंडों की खुली बोली से नीलाम करने के लिए तमाम प्रयास दूसरे दिन भी पूरे नहीं हुए। बोलीदाताओं व कार्मिकों के बीच सहमति नहीं बनने के कारण भूखंड निलामी दूसरे दिन निरस्त करनी पड़ी।