रेगिस्तान में यहां छुपा है 4800 खरब लीटर पानी का खजाना
रेगिस्तान में बाड़मेर के माडपुरा बरवाला के पास 4800 खरब लीटर पानी का खजाना छुपा हुआ है। रहस्यमयी यह छोटा समुद्र इतना खारा है कि इसको मीठा बनाने के लिए केन्द्र के जलशक्ति विभाग को अब अत्याधुनिक तकनीक को काम में लेना होगा।
बाड़मेर
Published: January 19, 2022 06:32:43 pm
बाड़मेर पत्रिका.
रेगिस्तान में बाड़मेर के माडपुरा बरवाला के पास 4800 खरब लीटर पानी का खजाना छुपा हुआ है। रहस्यमयी यह छोटा समुद्र इतना खारा है कि इसको मीठा बनाने के लिए केन्द्र के जलशक्ति विभाग को अब अत्याधुनिक तकनीक को काम में लेना होगा। इसके लिए विभाग की ओर से सर्वे व अन्य कार्य हाथ में लिया जाएगा। यह समुद्र बाड़मेर से जालौर तक फैला हुआ है।
केन्द्र सरकार का जलशक्ति मंत्रालय इसको मिशन के रूप में हाथ में ले तो खाड़ी देशों की तरह पानी की लवणीयता खत्म कर 10 लाख की आबादी को हजारों सालों तक पानी की आपूर्ति की जा सकती है।
भूकंपीय सर्वेक्षण, पेट्रो-भौतिक डेटा और विस्तृत हाइड्रो-
जियोलॉजिकल जांच के आधार पर केयर्न ऑयल एंड गैस ने बाड़मेर बेसिन में थूम्बली जल भंडारों की खोज की, जिसमें जलभण्डार का आंकलन हुआ है।
350 से 1500 मीटर गहरा
बायतु के निकट माडपुरा बरवाला में मिले इस पानी का फैलाव बायतु, शिव, बाड़मेर, गुड़ामालानी से लेकर सांचौर और कुर्द (जालौर) तक है और ज़मीन की सतह से इसकी गहराई 350 से 1500 मीटर तक है।
ये सागर 480 बिलियन (48 हज़ार करोड़) घन मीटर जल राशि अपने में समेटे हुए हैं। एक घन मीटर में 1000 लीटर जल होता है।
इसका मतलब थार के गर्भ में 4800 खरब लीटर के लगभग पानी है। जानकारों के अनुसार दस लाख की आबादी को भी हज़ारों साल तक पानी आपूतिज़् करने लायक जलराशि इस रिजर्वायर में मौजूद है।
पानी में लवण बहुत ज्यादा
सामान्यत: पेयजल में लवण की मात्रा 1000 मिलीग्राम प्रति लीटर तक मान्य होती है। लेकिन इस भूमिगत सागर में उपस्थित खारे पानी में न्यूनतम 5000 मिलीग्राम प्रति लीटर से लगा कर इसके दक्षिणी छोर पर 20000 मिलीग्राम प्रति लीटर से भी ज्यादा है।
गौरतलब है कि खाड़ी देशों के अलावा संयुक्त अरब अमीरात में तो समुद्री जल, जिसकी लवणीयता 35000 मिलीग्राम प्रति लीटर या उससे भी ज़्यादा होती है। संयुक्त अरब अमीरात में सौर ऊजाज़् के ज़रिए डी-सेलिनेशन के काम को अंजाम दिया जा रहा है।
अनुमान से ज्यादा मिला जल भंडार
केयर इंडिया एनर्जी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जितना अनुमान था उससे कहीं ज्यादा जल का यह भण्डार है। लवणीयता कम करके इसे उपयोग में लिया जाता है तो रेगिस्तान की पेजयल की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा।
तेल कंपनी केयर्न ने जिस उच्च तकनीक से पेट्रोल निकाला है ऐसे ही खाड़ी देशों की उच्च तकनीक को लेकर केन्द्र सरकार का जलशक्ति मंत्रालय प्रयास करें तो बाड़मेर के नाम यह बड़ी उपलब्धि होगी।

रेगिस्तान में यहां छुपा है 4800 खरब लीटर पानी का खजाना
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