सीमावर्ती बाड़मेर शहर के आसपास कच्ची बस्तीयां निवासरत है। जहां मासूम बच्चों के लिए शिक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। यहां छोटे बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के उद्देश्य से करीब एक साल से एबीवीपी परिषद पाठशाला का संचालन कर रहा है। शहर के अम्बेडकर सर्किल के पास बस्ती व महावीर नगर में पाठशाला का संचालन हो रहा है। यहां प्रतिदिन संगठन के कार्यकर्ता पहुंचकर बच्चों को शिक्षण कार्य करवा रहे है। पाठशाला में पहुंचने वाले अंधिकाश बच्चें सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्र से दूर है। संगठन की छात्राओं के साथ छात्र भी शिक्षण कार्य में सहयोग कर रहे है।
ऑनलाइन शिक्षा से दूर
बाड़मेरके दूरस्थ इलाकों में नेटवर्क की समस्या है। जहां ऑनलाइन कक्षाएं व स्मार्ट फोन की अनुपलब्धता के चलते संगठन की छात्र/छात्राएं उन बच्चों तक पहुंच रहे है। करीब एक साल में संगठन ने 15 स्थानों पर पाठशाला का आयोजन कर 201 मासूम छात्र/छात्राओं को शिक्षा से जोड़ा है।
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– पाठशाला में दे रहे शिक्षा
शहर की ऐसी कच्ची बस्तीयां, जहां पर मासूम शिक्षा की बजाय मजदूरी करने लग जाते है। ऐेसे परिवार के सदस्यों से समझाईस कर उन बच्चों के लिए पाठशाला का संचालन कर रहे है। इन बच्चों को शिक्षा से कैसे जोड़ा जाएं, इसके लिए हमारा ग्रुप प्रयास कर रहा है। – मुस्कान कटारी, छात्रा
– जागरूकता फैला रहे है
कच्ची बस्तीयां व अभावग्रस्त इलाकों में शिक्षा को लेकर जागरूकता के साथ मासूम बच्चों को शिक्षण कार्य से जोड़ा जा रहा है। पाठशाला के माध्यम से संगठन के लोग जरुरतमंद गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ रहे है। यहां प्रतिदिन लगने वाली पाठशाला में बच्चों का उत्साह नजर आ रहा है। – दिव्या भाटी, छात्रा
– इस अत्याधुनिक युग में निरक्षर व्यक्ति का कोई महत्व नहीं है। देश का विकास भी शिक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में कई ऐसे स्थान है, जहां स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्र के अभाव में मासूम शिक्षा से दूर रहे है। एबीवीपी पाठशाला के माध्यम से बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का काम कर रही है। – मनोहर बारहठ, जिला सह संयोजक
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