script

अग्रवाल एसपी तो बारहठ सीआइडी बीआइएएसपी!

locationबाड़मेरPublished: Jan 13, 2019 08:19:54 pm

Submitted by:

Dilip dave

– डिजिटलाइजेशन के नारे पर पानी फेर रही जिला प्रशासन की साइट

अग्रवाल एसपी तो बारहठ सीआइडी बीआइएएसपी!

अग्रवाल एसपी तो बारहठ सीआइडी बीआइएएसपी!

बालोतरा. बाड़मेर के जिला प्रशासन का डिजिटलाइजेशन के नारे से कोई लेना-देना नहीं है। कलक्टर के पदभार संभालने के कुछ दिन बाद पुलिस अधीक्षक ने भी कार्यभार संभाला, लेकिन वेबसाइट पर जिला कलक्टर का नाम तो अपडेट कर दिया गया, लेकिन एसपी अभी भी मनीष अग्रवाल ही हैं।
जिले की वेबसाइट यदा-कदा की अपडेट होती है, लेकिन उसमें भी जिला प्रशासन के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों से संबंधित डेटा को अपडेट नहीं किया जाता। कई अधिकारियों के तबादले होने के बावजूद भी वे जिला प्रशासन की वेबसाइट पर जिले के अधिकारी बने हुए हैं। वेबसाइट आज भी उनको अफसर बता रही है। आम लोग जब वेबसाइट पर दर्शाए अधिकारियों को फोन लगाते हैं तो उनको जबाव मिलता है कि उनका तबादला कई माह पहले बाड़मेर से अन्यत्र हो गया है। ऐसे में आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अग्रवाल अभी भी एसपी तो बारहठ सीआइडी बीआइएएसपी

जिला प्रशासन की वेबसाइट पर पुलिस, स्वायत्त शासन विभाग, सीआइडी व अन्य विभागों के अधिकारियों के जो नंबर व नाम दर्शाए जा रहे हैं, उनमें से केवल बाड़मेर, बालोतरा एएसपी, चौहटन डीएसपी, जेल उपाधीक्षक और महिला थाना थानाधिकारी को छोड़कर सभी अधिकारियों के तबादले हो चुके हैं। वेबसाइट पर तबादले के बावजूद मनीष अग्रवाल को जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर, चन्दनदान बारहठ को सीआइडीबीआइ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सवाईसिंह पीथला को एसीबी उप अधीक्षक, सुभाषचन्द्र बाड़मेर पुलिस उप अधीक्षक, विनोद कुमार छीपा बालोतरा पुलिस उपअधीक्षक, रामनिवास सुण्डा गुड़ामालानी पुलिस उपअधीक्षक, सुरेन्द्र प्रजापत बाड़मेर कोतवाल, राजेन्द्र चौधरी सदर थानाधिकारी, रतनलाल एससी/एसटी सेल पुलिस उपअधीक्षक, नगर परिषद बाड़मेर आयुक्त पंकज मंगल व बालोतरा नगर परिषद आयुक्त आशुतोष आचार्य को दर्शाया जा रहा है। इनके अलावा खान विभाग में केवल एमई को छोड़ अन्य अधिकारी पुराने दर्शाए जा रहे हैं, उनमें से कइयों का तबादला विधानसभा चुनावों से पूर्व हो चुका है।

शिकायत करें तो कहां – वेबसाइट पर देखकर कई लोग अधिकारी के नाम से आरटीआइ का आवेदन करते हैं, लेकिन अधिकारियों के नाम गलत होने की स्थिति में यह शिकायत संबंधित तक पहुंचती ही नहीं है। ऐसे में अधिकारी को पता ही नहीं चलता है कि कोई आवेदन आया भी है। वहीं दूसरी तरफ शिकायतकर्ता या आरटीआइ कार्यकर्ता को भी पता नहीं चलता है कि उसकी शिकायत कहां तक पहुंची।
वेबसाइट करेंगे अपडेट- वेबसाइट पर पुराने अधिकारियों का नाम दर्शाना गलत है। इससे लोगों को समस्या होती है, शीघ्र ही पता करवा अपडेट करवाया जाएगा। – हिमांशु गुप्ता, जिला कलक्टर, बाड़मेर

ट्रेंडिंग वीडियो