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धोरों में हमेशा विजय का लक्ष्य साध रहा युद्धाभ्यास, 22 को होगा समापन , सेनाप्रमुख विपिन रावत ले सकते है हिस्सा

locationबाड़मेरPublished: Dec 20, 2017 11:57:32 am

– सेना प्रमुख ले सकते हैं हिस्सा- 22 को होगा समापन – सेना की दक्षिणी कमान का है युद्धाभ्यास

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Aiming Maneuvers of hamesha vijay on Sand dunes

पश्चिमी सीमा से.सर्द हवाओं में पश्चिमी सीमा में पूरी गर्मजोशी से भारतीय सेना की दक्षिणी कमान वायुसेना के साथ तालमेल बैठाते हुए युद्धाभ्यास ‘हमेशा विजयÓ में अदम्य साहस, युद्ध कौशलता और गहराई के इलाकों में जाकर दुश्मन को दो टूक जवाब देने की मारक क्षमता का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। अत्याधुनिक हथियारों के साथ हो रहे इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के साक्षी समापन अवसर पर 22 दिसंबर को सेनाप्रमुख विपिन रावत साक्षी बन सकते हैं।
थार के धोरे सर्दियों में सेना के दक्षिणी कमान के युद्धाभ्यास हमेशा विजय के साक्षी बन रहे है। धोरों में सेना के जवान दुश्मन के इलाकों में गहराई में जाकर सशस्त्रों बलों के मूल्यांकन , यूनिट एवं फार्मेंशन अपने रण कौशल एवं रणनीति को उच्चकोटि का बनाने के लिए पिछले दो माह से प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद एकीकृत रूप से टैंक, बख्तरबंद गाडि़यां एवं वायुसेना के साथ पूरा तालमेल बैठाते हुए सैनिकों ने युद्धाभ्यास को आगे बढ़ाया है। इस युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया गया। पारंपरिक युद्ध के अलावा सैनिकों को रासायनिक और परमाणु आकस्मिकताओं के लिए भी अभ्यास करवाया जा रहा है। सेना और वायुसेना के बीच उच्च स्तर के तालमेल को थार के धोरों में बखूबी सीखा गया है।
अब 22 तक होगा प्रदर्शन
युद्ध अभ्यास की समीक्षा दोनों सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। 22 दिसंबर को समापन के अवसर सेना प्रमुख विपिन रावत के आने की संभावनाओं के मद्देनजर भी तैयारियां क ी जा रही हैं। रावत का इन दिनों पश्चिमी सीमा में कार्यक्रम है।अत्याधुनिक हथियारों के साथ हो रहे इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के साक्षी समापन अवसर पर 22 दिसंबर को सेनाप्रमुख विपिन रावत साक्षी बन सकते हैं।इस युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया गया।
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