थार के धोरे सर्दियों में सेना के दक्षिणी कमान के युद्धाभ्यास हमेशा विजय के साक्षी बन रहे है। धोरों में सेना के जवान दुश्मन के इलाकों में गहराई में जाकर सशस्त्रों बलों के मूल्यांकन , यूनिट एवं फार्मेंशन अपने रण कौशल एवं रणनीति को उच्चकोटि का बनाने के लिए पिछले दो माह से प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद एकीकृत रूप से टैंक, बख्तरबंद गाडि़यां एवं वायुसेना के साथ पूरा तालमेल बैठाते हुए सैनिकों ने युद्धाभ्यास को आगे बढ़ाया है। इस युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया गया। पारंपरिक युद्ध के अलावा सैनिकों को रासायनिक और परमाणु आकस्मिकताओं के लिए भी अभ्यास करवाया जा रहा है। सेना और वायुसेना के बीच उच्च स्तर के तालमेल को थार के धोरों में बखूबी सीखा गया है।
अब 22 तक होगा प्रदर्शन
युद्ध अभ्यास की समीक्षा दोनों सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। 22 दिसंबर को समापन के अवसर सेना प्रमुख विपिन रावत के आने की संभावनाओं के मद्देनजर भी तैयारियां क ी जा रही हैं। रावत का इन दिनों पश्चिमी सीमा में कार्यक्रम है।अत्याधुनिक हथियारों के साथ हो रहे इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के साक्षी समापन अवसर पर 22 दिसंबर को सेनाप्रमुख विपिन रावत साक्षी बन सकते हैं।इस युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया गया।