न्यू मॉडल चरखा कातिनों को मिलेगा नि:शुल्क
खादी ग्रामोद्योग के बंद सभी सेंटर फिर शुरू होंगे
बाड़मेर/ गडरारोड ञ्च पत्रिका . थार में खादी ग्रामोद्योग के सेंटर फिर से शुरू किए जाएंगे। यह जानकारी सोमवार को यहां आए खादी ग्रामोद्योग आयोग के मंडल निदेशक बद्रीलाल मीणा ने दी।
उन्होंने बंद ग्राम खादी के सेंटर पुन: प्रारंभ करने के विभाग के प्रस्ताव की जानकारी देते बताया कि जिस गांव से कातिनों की सूची मिलेगी वहां काम प्रारम्भ किया जाएगा। मीणा ने कहा कि जो कातिन, बुनकर घर में काम कर रहे हैं उन्हें सेंटर पर आधुनिक कार्य पद्धति के अनुसार ट्रेनिंग करवा कर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ नि:शुल्क चरखा वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के कातिन, बुनकरों को न्यू मॉडल चरखे की कार्य प्रणाली से अवगत करवाना है। पुराने चरखे से 25 दिन में 1 किलो ऊन की कताई होती थी जबकि नए चरखे से 3 दिन में 1 किलो ऊन की कताई होगी।
इससे बुनकरों की आमदनी में कई गुना बढ़ोतरी हो सकेगी। उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि इस कार्य से जुड़ कर नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार से जुड़ सकते हैं।
खादी ग्रामोद्योग के बंद सभी सेंटर फिर शुरू होंगे
बाड़मेर/ गडरारोड ञ्च पत्रिका . थार में खादी ग्रामोद्योग के सेंटर फिर से शुरू किए जाएंगे। यह जानकारी सोमवार को यहां आए खादी ग्रामोद्योग आयोग के मंडल निदेशक बद्रीलाल मीणा ने दी।
उन्होंने बंद ग्राम खादी के सेंटर पुन: प्रारंभ करने के विभाग के प्रस्ताव की जानकारी देते बताया कि जिस गांव से कातिनों की सूची मिलेगी वहां काम प्रारम्भ किया जाएगा। मीणा ने कहा कि जो कातिन, बुनकर घर में काम कर रहे हैं उन्हें सेंटर पर आधुनिक कार्य पद्धति के अनुसार ट्रेनिंग करवा कर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ नि:शुल्क चरखा वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के कातिन, बुनकरों को न्यू मॉडल चरखे की कार्य प्रणाली से अवगत करवाना है। पुराने चरखे से 25 दिन में 1 किलो ऊन की कताई होती थी जबकि नए चरखे से 3 दिन में 1 किलो ऊन की कताई होगी।
इससे बुनकरों की आमदनी में कई गुना बढ़ोतरी हो सकेगी। उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि इस कार्य से जुड़ कर नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार से जुड़ सकते हैं।
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हाइवे पर हादसे को न्योत रहे लोहे के सरिये मोकलसर. मोकलसर सहित क्षेत्र में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 325 में कार्यकारी एंजेसी के कार्य में लापरवाही बरतने से हर दिन सैकड़ों वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ती है।
निर्माण कंपनी ने काठाड़ी – मोकलसर तक एक भाग में सीमेंटेड सड़क का निर्माण किया तो दूसरी ओर क्रंकीट बिछा कर दोनों भाग को जोडऩे के लिए बीच में लोहे के दो-दो फीट के सरिये लगाए। सड़क के बीचोबीच खुले सरिये हादसे को न्योत रहे हैं। इस पर कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है। इससे क्षेत्र के लोगों में हर दिन भय रहता है। कहीं आवागमन के समय
कोई हादसा न हो जाए वहीं ग्रेवल सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं करने से पूरे दिन उड़ती रेत से आवागमन में वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है।
हाइवे पर हादसे को न्योत रहे लोहे के सरिये मोकलसर. मोकलसर सहित क्षेत्र में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 325 में कार्यकारी एंजेसी के कार्य में लापरवाही बरतने से हर दिन सैकड़ों वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ती है।
निर्माण कंपनी ने काठाड़ी – मोकलसर तक एक भाग में सीमेंटेड सड़क का निर्माण किया तो दूसरी ओर क्रंकीट बिछा कर दोनों भाग को जोडऩे के लिए बीच में लोहे के दो-दो फीट के सरिये लगाए। सड़क के बीचोबीच खुले सरिये हादसे को न्योत रहे हैं। इस पर कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है। इससे क्षेत्र के लोगों में हर दिन भय रहता है। कहीं आवागमन के समय
कोई हादसा न हो जाए वहीं ग्रेवल सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं करने से पूरे दिन उड़ती रेत से आवागमन में वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है।