जिला प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर वार म्यूजियम की प्रक्रिया शुरू कर दी है। म्यूजियम में भारतीय सेना की ओर से अब तक लड़े गए विभिन्न युद्धों की यादों का सहेजा जाएगा। वहीं भारत-पाक के बीच हुए 1965 व 71 युद्ध में निर्णायक जीत की स्मृतियां लगाई जाएगी। वहीं सेना, बीएसएफ व वायुसेना की ओर से उपलब्ध करवाए गए टैंक, मिलिट्री हथियार रखे जाएंगे।
बाड़मेर के 27 शहीदों के पराक्रम को प्रदर्शित किया जाएगा। वार म्यूजियम के लिए जिला प्रशासन ने पत्र लिखकर यूआइटी से जमीन मांगी है। संभवत: हस्तशिल्प केन्द्र के पास जोधपुर रोड पर जमीन मिलने की संभावना है।
हथियार व दुर्लभ फोटोग्राफ
वार म्यूजियम में सेना से जुड़े हथियार, दुर्लभ फोटोग्राफ प्रदर्शन के साथ एक मिनी थिएटर बनेगा। म्यूजियम के लिए आर्मी ने एक टैंक उपलब्ध करवाया है। एयरफोर्स एयरक्राफ्ट देगी। साथ ही बीएसएफ हथियार उपलब्ध करवाएगी। इसको लेकर सेना से जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है।
27 शहीदों की वीरता की गाथाएं अब तक हुए युद्ध व ऑपरेशन में बाड़मेर जिले के 27 जवान शहीद हुए हैं। वार म्यूजियम में 27 शहीदों के फोटोग्राफ के साथ उनके पराक्रम की गाथाएं उपलब्ध होगी। इसके अलावा युद्ध का उल्लेख भी मिलेगा।
– वार म्यूजियम की जगी है उम्मीद बाड़मेर में लंबे समय से वार म्यूजियम स्थापित करने की मांग थी। म्यूजियम में शहीदों की गाथाएं उपलब्ध होगी। जिला कलक्टर ने आश्वस्त किया है कि अब जल्द वार म्यूजियम स्थापित होगा।
– रावत त्रिभुवनसिंह, बाड़मेर