scriptफोन पर पूछी एटीएम की जानकारी, खाते से इतने लाख पार,जानिए पूरी खबर | Asked ATMs information over the phone So many lakhs online fraud | Patrika News

फोन पर पूछी एटीएम की जानकारी, खाते से इतने लाख पार,जानिए पूरी खबर

locationबाड़मेरPublished: Jan 25, 2018 09:50:31 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

– झारखण्ड से धरा गया ऑनलाइन ठगी का आरोपित…- फर्जी बैंककर्मी बन फोन पर मांगे एटीएम कार्ड नंबर, फिर ट्रांर्सफर की राशि

online fraud

thugged online to Police officer

बाड़मेर/बायतु.फर्जी बैंककर्मी बन फोन पर एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी लेकर 3 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी के आरोपित को बायतु पुलिस ने झारखंड से गिरफ्तार किया है। आरोपित ढाई साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा।
पुलिस के अनुसार नौसर ग्राम पंचायत के केरली निवासी उमाराम पुत्र अर्जुनराम ने 1 जुलाई 2017 को ऑनलाइन ठगी का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद पुलिस ने थानाधिकारी ओमप्रकाश के नेतृत्व में एएसआई केवलचंद, हैड कांस्टेबल सवाईराम एवं कांस्टेबल रमेश, नरेंद्रपालसिंह व सुरेंद्र की टीम गठित की। पुलिस टीम ने झारखण्ड के भेड़वा (मधुपुर), जिला देवघर निवासी साजिद हुसैन पुत्र अलताफ हुसैन को उसके गांव से ही गिरफ्तार किया।
ऐसे दिया ठगी को अंजाम

पीडि़त उमाराम ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक शाखा हलवद (गुजरात) में उसका खाता है। 14 मई 2015 को उसके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने स्वयं को बैंक का कार्मिक दीपक शर्मा बताया तथा उसका एटीएम कार्ड ब्लॉक होने की जानकारी देते हुए एसएमएस के जरिए उससे एटीएम कार्ड के नम्बर मांगे। उन्होंने नम्बर भेज दिए। इसके बाद आरोपित ने उसके खाते से 3 लाख 1 हजार 390 रुपए नेट बैंकिंग के जरिए अपने खाते में ट्रांसफर कर दिए।
बार-बार बदलता रहा ठिकाने
मामला दर्ज होने के बाद बायतु पुलिस ने जांच शुरू की। आईसीआईसीआई बैंक हलवद से राशि झारखंड के भेड़वा निवासी साजिद हुसैन के खाते में ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने टीम बनाकर झारखंड में आरोपित की गिरफ्तारी के प्रयास किए, लेकिन वह बार-बार ठिकाने बदलता रहा। सूचना तंत्र और तकनीकी सहयोग से पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर बायतु लाया, जहां पूछताछ चल रही है।
गुजरात पुलिस ने 2 साल तक टरकाया
उमाराम ने बताया कि मई 2015 में उसके खाते से राशि ट्रांसफर की गई थी। उस दौरान वह अपने गांव में था। ठगी की जानकारी मिलने के बाद वह गुजरात गया और संबंधित थाने में मामला दर्ज कराने के लिए रिपोर्ट पेश की। लेकिन 2 साल तक गुजरात पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उसे यह कहकर टरका दिया जाता था कि जब आरोपित का फोन आया तो आप अपने गांव में थे। वहीं की पुलिस मामले की जांच करेगी। वहां लंबे समय तक कार्रवाई नहीं होने पर 1 जुलाई 2017 को बायतु थाने में परिवाद पेश किया।
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