scriptबालोतरा की 700 फैक्ट्रियों से हटी रोक | Balotra diverge from the 700 factories stopped | Patrika News

बालोतरा की 700 फैक्ट्रियों से हटी रोक

locationबाड़मेरPublished: Nov 05, 2015 01:19:00 am

नेशनल ग्रीन
ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने साढ़े पांच माह पूर्व बालोतरा की 700 से ज्यादा कपड़ा
फैक्ट्रियों में कामकाज पर लगाई रोक बुधवार को सशर्त हटा ली।

Barmer news

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बालोतरा (बाड़मेर)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने साढ़े पांच माह पूर्व बालोतरा की 700 से ज्यादा कपड़ा फैक्ट्रियों में कामकाज पर लगाई रोक बुधवार को सशर्त हटा ली। फैक्ट्रियों के संचालन से लूणी नदी और इसके आस-पास फैल रहे प्रदूषण के मसले पर लगातार सख्ती के बाद अंतत: एनजीटी ने राहत दे दी। इससे क्षेत्र को दीपावली से पहले ही खुशियों की सौगात मिल गई। फैसले के बाद बालोतरा, बिठूजा व जसोल में उद्यमियों व श्रमिकों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई।

तीनों औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित कॉमन इफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के निरीक्षण में कई कमियां नजर आने पर एनजीटी ने गत 15 मई को बालोतरा, बिठूजा तथा जसोल में औद्योगिक इकाइयों के संचालन पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। एनजीटी की नई दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच द्वितीय में बुधवार को न्यायाधीश यू.डी. साल्वी व डी.के. अग्रवाल ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान सीईटीपी बालोतरा की ओर से अधिवक्ता विनय कोठारी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से राज पंजवानी, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा व प्रार्थी दिग्विजय सिंह की ओर से मनु चतुर्वेदी ने पैरवी की।

सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद न्यायाशीशों ने बालोतरा, जसोल व बिठूजा वस्त्र उद्योग को फिर से शुरू करने के आदेश दिए। उद्यमी राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल में पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंचाने और एनजीटी के निर्देशों का पालन करने संबंधी अंडरटेकिंग देने के साथ सिक्योरिटी राशि जमा करवा कारखाने शुरू कर सकेंगे। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।

31 जनवरी तक शुरू हो आरओ प्लांट
पूर्व में दिए गए न्यायालय के सुझावों के अनुसार फैक्ट्री में प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट बनाने, कारखाने से निस्तारित प्रदूषित पानी का कनेक्शन रीको की भूमिगत मुख्य लाइन से जोड़ने, निस्तारित पानी के माप के लिए फ्लोमीटर लगाने, बोरवेल पर मीटर लगाने, अपशिष्ट पदार्थ निस्तारण के लिए यार्ड बनाने, कारखानों के आगे सूचना पट्ट लगाने और प्रदूषण नियंत्रण मंडल से इकाई संचालन के लिए एनओसी को रिन्यू करवाने के निर्देश दिए। वहीं सीईटीपी बालोतरा और जसोल को 31 जनवरी 2016 तक आरओ प्लांट शुरू करने के निर्देश दिए।

2 से 5 लाख की सिक्योरिटी डिपॉजिट
न्यायालय ने 0 से 50 किलो लीटर प्रतिदिन (केएलडी) का पानी उपभोग करने वाले उद्यमियों को दो लाख, 51 से 150 केएलडी पर 3 लाख व इससे अधिक केएलडी पर 5 लाख रूपए सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में प्रदूषण नियंत्रण मंडल में जमा करवाने के निर्देश दिए। प्रदूषण फैलाने या एनजीटी के सुझावों पर अमल नहीं करने की स्थिति में यह राशि जब्त हो जाएगी।
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