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बाड़मेर: 3475 शिक्षण संस्थानों में हाथ धोने के लिए नहीं है टोंटी, कुएं और हैंडपम्प पर निर्भर

locationबाड़मेरPublished: Jan 13, 2021 10:22:25 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

-खाना खाने के बाद हाइजीन के लिए हाथ धोना बहुत जरूरी-अब स्कूलें खुलने के बाद कोविड से बचाव के लिए बार-बार धोने होंगे हाथ-अधिकांश टांके से पानी निकालकर हाथ धोते है बच्चे और स्टाफ-जिले की केवल 1452 स्कूलों में ही लगे है नल

बाड़मेर: 3475 शिक्षण संस्थानों में हाथ धोने के लिए नहीं है टोंटी, कुएं और हैंडपम्प पर निर्भर

बाड़मेर: 3475 शिक्षण संस्थानों में हाथ धोने के लिए नहीं है टोंटी, कुएं और हैंडपम्प पर निर्भर

बाड़मेर. जिले के 4927 सरकारी शिक्षण संस्थानों में पानी का प्रबंध तो कर दिया, लेकिन हाथ धोने के लिए नल केवल केवल 35 फीसदी में ही है। नल यानि टोंटी (टेप) की सुविधा केवल 1452 स्कूलों मे मिल रही है। एमडीएम में खाना खाने के बाद हाथ धोने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन अब कोरोना महामारी के बाद पहली बार खुलने जा रहे स्कूलों में हाथ धोने का महत्व बहुत ज्यादा होगा।
बाड़मेर जिले की अधिकांश स्कूलों में टांके बने हुए है। जहां से जरूरत के वक्त पानी निकालकर काम में लिया जाता है। यहां से बच्चे पानी नहीं ले पाते हैं। वहीं कुछ स्कूलों में हैंडपम्प भी लगे है। वहीं तीन हजार से ज्यादा स्कूले ऐसी है जहां पर अन्य तरह से पानी की सुविधा उपलब्ध है।
जिले की 417 स्कूलों में है हैंडपम्प
बाड़मेर जिले की 417 स्कूलों में हैंडपम्प है। यहां पर पानी हैंडपम्प के माध्यम से मिल रहा है। ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों के हाथ धोने के लिए जरूरी टोंटी नहीं होने के कारण हैंडपम्प से उन्हें खुद ही पानी निकालना पड़ता है। वहीं जिले की 119 स्कूलें ऐसी है, जहां पर पौंड और कुएं से पानी मिलता है। यहां पर भी पानी निकालने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है और हाथ धोने के लिए कुएं तक जाना होता है।
1452 स्कूलों में है टोंटी
जिले की इन स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा के लिए टोंटी लगी है। जिसमें 790 स्कूलें ऐसी है जहां पर हाथ धोने के लिए दो से अधिक टोंटी लगी हुई है। वहीं 662 शिक्षण संस्थानों में एक टोंटी लगी है।
प्रदेश में ये है हाल
पूरे प्रदेश में 66341 स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा है। लेकिन यहां पर भी देखे तो अधिकांश में टोंटी नहीं लगी हुई है। प्रदेश की 7032 स्कूलों में दो या उससे अधिक टोंटी लगी हुई है। वहीं 16845 स्कूल में एक टोंटी हाथ धोने के लिए लगी है। शेष शिक्षण संस्थानों में हाथ धोने के अन्य साधनों पर निर्भर रहता है। जिसमें कुएं, पौंड और हैंडपम्प आदि शािमल है।
एमडीएम योजना में हाइजीन में शामिल है टोंटी की सुविधा
स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे-मील योजना में हाथ धोने की सुविधा को महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए संस्थानों में हाथ धोने की सुविधा टोंटी है या नहीं इस पर ध्यान दिया गया है। एमडीएम की वार्षिक योजना में इन सभी पर भी फोकस किया जाता है।
सुविधा तो है
स्कूलों में बच्चों के हाथ धोने की सुविधा तो लगभग सभी स्कूलों में है। इसलिए कोई दिक्कत तो नहीं होनी चाहिए। अधिकांश में टोंटी भी लगी है।
मूलाराम चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी बाड़मेर
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