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बाड़मेर

कम पड़े बीमार: पिछले साल से घट गए एक तिहाई मरीज !

-जिला अस्पताल की ओपीडी 2020 में प्रतिदिन 1200 रोगी-गत साल 2019 में ओपीडी थी 1800 मरीज रोजाना-बच्चों की ओपीडी सबसे कम

बाड़मेरJan 03, 2021 / 08:59 pm

Mahendra Trivedi

कम पड़े बीमार: पिछले साल से घट गए एक तिहाई मरीज !

कम पड़े बीमार: पिछले साल से घट गए एक तिहाई मरीज !

बाड़मेर. साल 2019 में अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले बीमारों की संख्या काफी कम हो गई। मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध जिला अस्पताल में गत साल के मुकाबले 2020 में ओपीडी में एक तिहाई मरीज घट गए। साल 2019 में प्रतिदिन ओपीडी औसत रूप से 1800 के करीब रही थी। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 1200 पर सिमट गया। यह संख्या सामान्य बीमारियों के मरीजों की है।
अस्पताल में मरीजों की संख्या में आई कमी का कारण विशेषज्ञ कोरोना महामारी के कारण लोगों का घरों से बाहर कम निकलना भी मान रहे हैं। वहीं अन्य बीमारियों का भी असर काफी कम रहा। इससे ओपीडी काफी कम रही।
बच्चों की ओपीडी सबसे कम
एमसीएच यूनिट में बच्चों की ओपीडी कोविड-19 शुरू होने के बाद से ही कम हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को अन्य से संपर्क नहीं हो रहा है। ऐसे में बच्चों के बीमार होने में कमी आई है। वहीं कोरोना के बाद खासकर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने से बच्चे काफी कम बीमार पड़े। इसके चलते अस्पताल की ओपीडी कम हो गई।
वृद्धजनों को घरों पर पहुंची दवा
महामारी के कई महीनों तक तो वृद्धजनों को घरों तक दवाइयां पहुंची है। इसके चलते वृद्ध अस्पताल ही नहीं आए। बहुत ही ज्यादा जरूरी होने पर मरीज अस्पताल पहुंचते थे। इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार अपील की कि इमरजेंसी में ही अस्पताल आएं। ऐसे में ओपीडी में आई गिरावट का एक बड़ा कारण है।
साधनों की हो गई थी कमी
कोरोना महामारी के चलते शहर तक आने के साधन ही नहीं रहे। बीमार को लाने के लिए वाहन किराए पर लेना पड़ता था। ऐसे में गंभीर बीमार को ही अस्पताल लाया जा रहा था। वहीं अन्य बीमारियों के लिए गांव के आसपास से ही उपचार करवाया गया। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से बीमार काफी कम संख्या में अस्पताल पहुंच पाए।
मौसमी बीमारियां भी काफी कम रही
मौसमी बीमारियों का असर काफी कम रहा। वायरल के मरीजों की संख्या सबसे अधिक रही। इसके अलावा अन्य बीमारियों के पीडि़त मरीज अस्पताल नहीं पहुंचे। मौसमी बीमारियां नहीं फैलने से चिकित्सा विभाग को काफी राहत रही और कोरोना संक्रमितों के उपचार पर फोकस हो पाया।
ओपीडी में मरीज घटे हैं
अस्पताल की ओपीडी पिछले साल औसतन प्रतिदिन 1800 के करीब रही। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 1200 तक ही रहा। इस बार मौसमी बीमारियां का असर कम देखने को मिला।
डॉ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल बाड़मेर

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