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बाड़मेर-जैसलमेर एसीबी में नहीं महिला कांस्टेबल!

locationबाड़मेरPublished: Jun 07, 2018 10:52:29 am

– पुलिस से लेनी पड़ती है मदद, एसपी की स्वीकृति के बाद मिलता है महिला पुलिस का जाब्ता

Barmer-Jaisalmer ACB

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– पुलिस से लेनी पड़ती है मदद, एसपी की स्वीकृति के बाद मिलता है महिला पुलिस का जाब्ता

बाड़मेर. प्रदेश में रिश्वत लेने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसमें कई महिलाएं भी एसीबी के हत्थे चढ़ रही हैं। इधर, सीमावर्ती बाड़मेर-जैसलमेर के एसीबी कार्यालय में महिला कांस्टेबल नहीं है। ऐसे में ब्यूरो टीम को कार्रवाई के दौरान स्थानीय पुलिस की मदद का इंतजार करना पड़ रहा है।
बाड़मेर-जैसलमेर के एसीबी कार्यालय में स्थायी महिला कांस्टेबल के पद स्वीकृत नहीं होने से यह स्थिति लम्बे समय से है। यहां महिला कांस्टेबल नहीं होने से कई बार आरोपित महिला की तलाशी लेने में परेशानी होती है।
महिला कांस्टेबल की संख्या कम
एसीबी में महिला कांस्टेबल की संख्या काफी कम है। प्रदेश की एसीबी चौकियों में गिनती की महिला कांस्टेबल हैं। ऐसी स्थिति में सभी कार्यालयों में महिला कांस्टेबल की पदस्थापना नहीं हुई है।
पहले देते हैं प्रार्थना पत्र

महिला अधिकारी के खिलाफ शिकायत मिलने पर एसीबी के सामने परेशानी बढ़ जाती है। पहले शिकायत की जांच कर पुष्टि करते हैं। फिर स्थानीय पुलिस को पत्र लिखकर महिला जाब्ता मांगना पड़ता है। एसपी की स्वीकृति मिलने के बाद महिला जाब्ता मिलता है। कई बार देरी होने पर कार्रवाई सफल नहीं कर पाते हैं।
बाड़मेर-जैसलमेर के एसीबी कार्यालय में स्थायी महिला कांस्टेबल के पद स्वीकृत नहीं होने से यह स्थिति लम्बे समय से है। यहां महिला कांस्टेबल नहीं होने से कई बार आरोपित महिला की तलाशी लेने में परेशानी होती है।
एसीबी में महिला कांस्टेबल की संख्या काफी कम है। प्रदेश की एसीबी चौकियों में गिनती की महिला कांस्टेबल हैं। ऐसी स्थिति में सभी कार्यालयों में महिला कांस्टेबल की पदस्थापना नहीं हुई है।
– महिला नफरी नहीं है
बाड़मेर-जैसलमेर एसीबी के पास महिला नफरी नहीं है। प्रदेश भर में महिला कांस्टेबल की कमी है। कार्रवाई के दौरान स्थानीय पुलिस की मदद लेते हैं। इससे परेशानी तो रहती है।
– अनिल पुरोहित, उप अधीक्षक, एसीबी कार्यालय जैसलमेर

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