मुद्दों की बात करें तो बॉर्डर पर कुछ नहीं हुआ है , लेकिन अब जाति और व्यक्ति आधारित वोट है। इसलिए प्रत्याशी देखकर वोट देंगे। बाड़मेर शहर में चर्चा में लोग लहर की बात पर जोर दे रहे हैं।
शहर का मतदाता भले ही समस्याओं की झड़ी गिना दे, लेकिन बाद में करता है भावनाओं को महत्व दे रहे हैं। बायतु में कवास के रेखाराम बताते हैं कि तेल और स्थानीय रोजगार की मांग महत्व रखती हैं, लेकिन वास्तव में जातिवादी राजनीति का गणित चलेगा।
तिलवाड़ा, वरिया, मेहवानगर, जसोल, पचपदरा, से लेकर कल्याणपुर तक एक ही सुर है, रिफायनरी की आस, लेकिन विश्वास पर सवाल खड़े करते हुए बालोतरा के नेमीचन्द माली कहते हैं कि केवल दिवारे खड़ी करने से रिफायनरी बनेगी क्या ? समदड़ी और सिवाना में रिफायनरी मुद्दा नही बन रही है, यहां पानी की पीड़ा लोगों के लिए महत्व रखती है। यहां वेलाराम चौधरी कहते हैं बोटो माय ऊभो कुण है, ओ देखणो पड़े…पेली जाति, पछे आदमी, नै पछे पालटी (पार्टी)…हमे पेल वाली बात कठै..।
गुडामालानी, सिणधरी व चोहटन में नहरी पानी का इंतजार है। शिव और रामसर के सीमावर्ती इलाकों में भी यही पीड़ा है, लेकिन बात एक ही है कि चुनाव में जातिगत गणित ही जीत का आधार है
2014 का परिणाम
कर्नल सोनाराम चौधरी
भाजपा-4,88,747
जसवंतसिंह जसोल
निर्दलीय- 4,01,286
हरीश चौधरी
कांग्रेस- 2,20,881
मतदान-2014
71.06 प्रतिशत ये चुनेंगें भावी सांसद कुल मतदाता : 19 लाख 39 हजार 019
पुरुष मतदाता : 10 लाख 31 हजार 184
महिला मतदाता : 9 लाख 07 हजार 822
चुनाव के मुख्य मुद्दे बाड़मेर जिले में पेयजल योजनाओं के लिए नहरी पानी 43हजार करोड़ की रिफायनरी से क्षेत्र का विकास जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा जैसलमेर – बाड़मेर – सांचौर – अहमदाबाद रेल सेवा
राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र के 73 गांवों में विकास