फिर साहब ने बड़ी मलाई खाकर एक बार तो फाइल पर कुण्डली मार दी। तभी एक और मामला आ गया, पहले साहब ने चिठ्ठी को छुपाया और दूसरे दिन रात में मामला दर्ज होता है और सुबह उसे धर दबोचा, मामले का पटाक्षेप कर दिया।
यहां दूसरे मामले में तो नेताजी के इशारे में टोपीवाला डण्डा चला और पहले मामले में साहब के पास मलाई पहुंच गई। कुछ भी कहो यहां इस महकमें में या तो मलाई पहुंचा दो या सफेदकुर्ते वालों के आगे हाजरी लगा दो फिर आपका काम हो जाएगा।
उड़ा दिए सभी के होश एक सप्ताह में मुखिया के लिए सोशल मीडिया मुसीबत बना है। तीन दिन पहले एक घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मामला देख एक बार तो सबके होश उड़ गए।
अरे क्या हो गया? फिर कुछ लोगों ने फोन घुमाए और सवाल किए तो मुखिया को बात कहने से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए घटनाक्रम पर सफाई देनी पड़ी। ठिकाणेदार मामला छुपाते रहे जैसे कोई कुछ हुआ ही नहीं। एक-दो सवाल हुए तो ठिकाणेदार पहले टालमटोल करते रहे फिर मामला बिगड़ता देखा तो नतमस्तक हो गए।