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अनूठी और प्रेरणादायी पहल, शहीदों के परिवारों के साथ मनाया रक्षा पर्व

locationबाड़मेरPublished: Aug 02, 2020 08:59:43 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

रक्षाबंधन मनाने टीम थार के वीर पहुंची शहीद परिवारों के घर
पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश

अनूठी और प्रेरणादायी पहल, शहीदों के परिवारों के साथ मनाया रक्षा पर्व

अनूठी और प्रेरणादायी पहल, शहीदों के परिवारों के साथ मनाया रक्षा पर्व

बाड़मेर. देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने की पहल करते हुए रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में टीम थार के वीर 31 शहीद परिवारों के घर पहुंची। टीम ने परिवारों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया और पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
मरुगूंज संस्थान और टीम थार के वीर के संयोजक रघुवीरसिंह तामलोर ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए रक्षाबंधन पर्व पर बाड़मेर के 28 और जैसलमेर के 3 शहीदों के परिवारों के साथ रक्षापर्व मनाया। टीम थार के वीर के संरक्षक रावत त्रिभुवनसिंह, कमांडेंट प्रदीप कुमार शर्मा ,कैप्टन हीरसिंह भाटी के मार्गदर्शन में 1944 से लेकर 2020 तक शहीद हुए बाड़मेर के वीर सपूतों और 2017 के बाद शहीद हुए जैसलमेर के 3 वीरों के परिवारों के रक्षा पर्व मनाया जो टीम के साथ परिवारों के लिए एक यादगार पल बन गया।
शहीद परिवारों के घर पहुंचे कार्यकर्ता
टीम से जुड़े प्रेमाराम भादू और कैलाश भाम्भू ने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व को खास बनाने के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित कर ना सिर्फ शहीद परिवारों के घर उनको सम्बल प्रदान करने भेजा, बल्कि उनको समय-समय पर ऐसे विशेष अवसर पर शहीद परिवारों का मान सम्मान करने का भी आह्वान किया। सिणधरी में समाजसेवी समुंद्रसिंह नौसर, पचपदरा क्षेत्र में गणपतराम गोदारा, बायतु में डूंगरराम काकड़, गिड़ा में अशोक काकड़, शिव में स्वरूपसिंह उण्डू और धनपत सिंह कोटडिय़ा, रामसर में जसवंतसिंह और जुंझार सिंह, बालोतरा में महेंद्रसिंह गोलिया, जैसलमेर-खिऱजां में हाथीसिंह केलनोर और चौहटन में शिवप्रताप सिंह का सहयोग रहा। वहीं महिला वाहिनी संयोजक प्रियंका गुप्ता, कविता उंडेरिया, भारती माहेश्वरी, मनोज परमार, दलपतसिंह तामलोर और नरेन्द्रसिंह ने भी सहयोग किया।
भावुक कर गई टीम की सोच
खिऱजां निवासी शहीद प्रभुसिंह के पिता समंदरसिंह और मोहनगढ़ के शहीद राजेन्द्रसिंह के भाई गोविंदसिंह बताते है कि बाड़मेर कीं टीम थार के वीर के सदस्यों और उनके कार्यों पर गर्व है। करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर हमारे परिवारों के बारे में सोचना हमें भावुक कर गया, हमें आपके कार्य पर फक्र महसूस हो रहा है ।
सदैव नई पे्ररणा मिलती है
साल 1944 में शहीद हुए रेवाड़ा निवासी शहीद मंगलसिंह के भाई जेठूसिंह बताते है कि इससे खास हमारे लिए रक्षाबंधन कभी नही हो सकता है। वहीं तारातरा निवासी शौर्य चक्र विजेता शहीद धर्माराम के भाई वीन्जाराम का कहना है कि टीम थार के वीर के सदस्यों ने हमारे परिवार के सदस्य के रूप में सदैव नई प्रेरणा दी है। वही बाछड़ाऊ निवासी शहीद पीराराम के पिता वगताराम कहते है टीम थार के वीर ने हमेशा हमारे परिवार का हिस्सा बनकर सम्बल प्रदान किया।
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