रोडवेज : पटरी पर आने में लगाना पड़ रहा जोर
बाड़मेरPublished: Jun 18, 2021 08:59:51 pm
-अनुबंधित बसें नहीं चलने से राजस्व पर बड़ा असर-गत 10 जून से अनलॉक के बाद फिर से शुरू हुआ था संचालन
रोडवेज : पटरी पर आने में लगाना पड़ रहा जोर
बाड़मेर. लॉकडाउन के बाद अनलॉक हुई रोडवेज की गाड़ी अब तक पटरी पर नहीं आ पा रही है। पिछले 10 जून से फिर से संचालन शुरू होने के बाद धीरे-धीरे यात्री भार बढ़ रहा है। अब तक करीब 70 फीसदी यात्री भार मिलने लगा है। जिससे बसें कुछ भरी हुई चलने लगी है। जबकि पहले के तीन-चार दिनों तक 50 फीसदी के करीब ही यात्री मिल पाए थे।
अनलॉक के बाद फिलहाल निगम की बसें की चलाई जा रही है। बाड़मेर आगार की 30 बसें विभिन्न मार्गो पर चल रही है। लंबी दूरी पर भी ब्लू लाइन बसें संचालित हो रही है। जबकि लॉकडाउन से पहले इन मार्गो पर लग्जरी बसें चलती थी। लेकिन अनलॉक के बाद से ही पूरे राज्य में रोडवेज ने कहीं पर भी अनुबंधित बसों का संचालन शुरू नहीं किया है।
लंबी दूरी में यात्रियों को चाहिए सुकून भरा सफर
स्थानीय डिपो से लम्बी दूरी पर भी निगम की बसें चलाई जा रही है। ऐसी बसों को यात्री कम मिल रहे हैं। जबकि इस तरह के लंबे मार्ग पर चलने वाली लग्जरी बसें पूरी तरह से एडवांस बुक चलती थी। रोडवेज के पास लग्जरी बसें अनुबंधित के बेड़े में ही है। अब रूट खराब नहीं होने को लेकर निगम की ब्लू लाइन बसें दौड़ाई जा रही है। ऐसे में इन बसों को यात्री भार काफी कम मिल रहा है। लंबी दूरी की यात्रा के दौरान यात्री सुकून भरा सफर चाहते हैं।
अनलॉक के बाद एक चौथाई आ रहा राजस्व
बसों का संचालन चल रहा है। लेकिन लॉकडाउन से पहले की आय का करीब एक चौथाई राजस्व ही आ रहा है। केवल निगम की बसें दौड़ रही है। ऐसे में राजस्व पर असर पड़ रहा है। जब निगम और अनुबंधित बसें संचालित हो रही थी तब औसतन 10-12 लाख प्रतिदिन आता था, अब केवल निगम की बसें दौड़ रही है और यात्री भार भी कम है, ऐसे में औसतन एक चौथाई करीब ढाई-तीन लाख का राजस्व आ रहा है।
धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं यात्री
अनलॉक के बाद धीरे-धीरे यात्री बढ़ रहे हैं। अब करीब 70 फीसदी यात्री भार मिलने लगा है। उम्मीद है आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगा। अभी फिलहाल निगम की बसों का ही संचालन किया जा रहा है।
उमेश नागर, आगार प्रबंधक बाड़मेर डिपो