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बॉर्डर के गांवों में सड़कों पर आ गए रेत के टीले, रास्ते बंद

locationबाड़मेरPublished: Jul 14, 2019 09:00:28 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

पिछले सात दिनों से बाड़मेर जिले में चल रही है आंधीसीमावर्ती गांवों में बिजली गुल, पानी आपूर्ति ठपजरूरत की वस्तुओं के वाहन बीच रास्ते में फंसे

sand dunes on road

बॉर्डर के गांवों में सड़कों पर आ गए रेत के टीले, रास्ते बंद

बाड़मेर. थार में पिछले सात दिनों से थार में चल रही तेज आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार धूल-मिट्टी के माहौल से हर कोई त्रस्त है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक धूल हटाने का काम शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में कई गांवों से आवाजाही बंद है।
सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कों पर रेत के धोरों की चादर बिछ चुकी है। जिससे आवागमन के साधन निकल नहीं पा रहे हैं। आंधी के कारण बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हुई है।
चारे के वाहन रेत में फंसे
सबसे ज्यादा परेशानी पशुधन को लेकर है। जिनके लिए चारे पानी का प्रबंध करना पशु पालकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। पशु शिविरों के लिए पहुंचने वाली चारे की गाडिय़ां नहीं पहुंच पा रही है। सड़क पर रेत जमा होने से वाहन बीच रास्ते में फंस गए हैं।
बिजली-पानी का संकट
आंधी के कारण बिजली सप्लाई बंद है। ऐसे में पानी की आपूर्ति भी नहीं हो रही है। पूरे क्षेत्र में बिजली-पानी को लेकर भयंकर संकट उत्पन्न हो गया है।
रेत हटाने के नहीं इंतजाम
सीमावर्ती तहसील गडरारोड को जोडऩे वाले अधिकांश मार्ग धूल से अवरुद्ध हो चुके हैं। अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है। रेत हटाने का काम शुरू नहीं होने से ग्रामीण अपने स्तर पर समस्या का समाधान करने में जुटे हैं।
इन गांवों का रास्ता हो गया बंद
गडरारोड़ से जाने वाले कई गांवों का रास्ता बंद हो चुका है। इसमें गडरारोड़ से बिजावल, समन्द का पार, रतरेड़ी कलां, मुनाबाव से रोहिड़ी, सुंदरा, म्याजलार, सालमसिंह की बस्ती, रावतसर, चेतरोड़ी, लांबड़ा, उतरबा सहित कई गांवों के रास्ते में धूल जमा हो जाने से आवाजाही बंद हो गई है।
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