scriptबॉर्डर पर बुवाई से पहले टिड्डी की फिक्र, जमीन में टिड्डी के अंडे | barmer tiddi attack: border area affected | Patrika News

बॉर्डर पर बुवाई से पहले टिड्डी की फिक्र, जमीन में टिड्डी के अंडे

locationबाड़मेरPublished: Aug 05, 2019 08:49:07 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

अक्टूबर-नवंबर तक टिड्डी आक्रमण (tiddi attack) की चेतावनी (warning) ने किसानों को खेतों की रखवाली को मजबूर कर दिया है। जून और जुलाई माह में बॉर्डर के इलाके (border area) में आइ टिड्डियों (lucust) के बावजूद लोग इतने फिक्रमंद नहीं थे क्योंकि खेत खाली पड़े थे लेकिन अब बारिश (rain) के बाद खेतों (farm) में बुवाई होने से परेशानी बढी है।

tiddi in border area

बॉर्डर पर बुवाई से पहले टिड्डी की फिक्र, जमीन में टिड्डी के अंडे

बाड़मेर. टिड्डी नियंत्रण (tiddi control) के दावों के बीच में बारिश, नमी और जमीन के नीचे दिए गए टिड्डी के अंडो ने किसानों की फिक्र बढ़ा दी है। किसान इधर बुवाई शुरू कर चुके है और उधर बॉर्डर पर टिड्डी हमले की चिंता बढ़ा रही है। अक्टूबर-नवंबर तक टिड्डी आक्रमण (tiddi attack) की चेतावनी ने किसानों को खेतों की रखवाली को मजबूर कर दिया है। जून और जुलाई माह में बॉर्डर के इलाके में (border area) आइ टिड्डियों के बावजूद लोग इतने फिक्रमंद नहीं थे क्योंकि खेत खाली पड़े थे लेकिन अब बारिश के बाद खेतों में बुवाई होने से परेशानी बढी है।
जमीन की नीचे अंडे
टिड्डी नियंत्रण को कीटनाशक (pestiside) का छिड़काव (spray) करने पर टिड्डियां मरी लेकिन जमीन के 12 से 13 इंच नीचे अण्डे दे दिए जो अब फाका बन गए है। कीटनाशक का असर 5 से 7 दिन में खत्म हो जाता है और बारिश होने पर 24 घंटे में ही असर खत्म हो गया। अब इन फाकों के नियंत्रण को लेकर पूरे क्षेत्र में फिर से छिड़काव की दरकार (essential of spray) है। तामलौर, रोहिड़ी, पांचला, गडरारोड़ फारवर्ड, गिराब, जुडि़या, बूठिया, जुम्मा फकीर की बस्ती सहित बड़े इलाके में टिड्डी के फाके मौजूद है।
मौसम दे रहा निमंत्रण
मौसम में लगातार नमी है और हवा भी पाकिस्तान की ओर से आ रही है। लिहाजा टिड्डियों के और हमले से इंकार नहीं किया जा सकता है। दस दिन पहले बॉर्डर के गांवों में टिड्डी का नया दल आया जिसको नियंत्रण का दावा किया जा रहा है लेकिन अब नई टिड्डी कब आ जाए कहा नहीं जा सकता।
थाली बजाकर लोग उड़ा रहे टिड्डी
विभाग की ओर से कीटनाशक का छिड़काव करने के बावजूद टिड्डियां पूरी तरह से नहीं मरी है। खेत में टिड्डी नजर आते ही लोग अब थाली बजाकर उड़ाने का प्रयास कर रहे है लेकिन एक खेत से दूसरे खेत तक पहुंच रही टिड्डियों को इस तरह उड़ाना मुश्किल भी है।
ग्रामीण बोले इंतजाम करें
किसान पृथ्वीसिंह पांचला बताते है कि शायद पाकिस्तान में टिड्डियों पर नियंत्रण नहीं किया जा रहा है, जिससे लगातार टिड्डियों का आना जारी है। लगातार अकाल झेलने के बाद इस बार अच्छी बारिश भी हुई, सभी किसानों ने अच्छे जमाने की आस में बुवाई भी कर रहे हैं लेकिन लगातार टिड्डियों को देखकर चिंता सताने लगी है। बांडासर निवासी मजीज खां बताते हैं कि सिंचिंत फसलें अब तैयार हो रही हैं। बाजरा पूरी तरह पकने की तैयारी में है लेकिन एकसाथ टिड्डियों के झुंड देखकर परेशान हो जाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो