देश में सर्वाधिक घी राजस्थान में और सूबे में पश्चिमी राजस्थान घी का ज्यादा शौकीन है। घी का सर्वाधिक उठाव अक्षय तृतीया के अवसर पर होता है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में पिछले तीन दिनों में 20 करोड़ का घी जिलेभर में बिक चुका है। तीन दिन पहले ढाई सौ पिकअप बाड़मेर की कृषि उपज मण्डी से अन्य सामान के साथ घी लेकर रवाना हुई है।
व्यापारियों में इसको लेकर उत्साह है कि इस बार अक्षय तृतीया पर्व पर जमकर शुभ मुहुर्त व विवाह है। इस कारण घी का उठाव इतनी मात्रा में हुआ है। क्यों उठता है ज्यादा घी-
अक्षय तृतीया पर गांव गांव में रियाणों का आयोजन होता है। चार दिवसीय अक्षय तृतीया पर्व पर घर घर में खींच और गुळवाणी बनती है। इसमें भी भरपूर मात्रा में घी परोसने का रिवाज है। एेसे में इन चार दिन तक लोग घी का सर्वाधिक सेवन करते है।
विवाह आयोजन सर्वाधिक- अक्षय तृतीया को अबूझा सावा माना जाता है। हर साल इस दिन एक हजार से अधिक शादियों का आयोजन जिलेभर में होता है। एेसे में इन शादियों में घी का उपयोग सर्वाधिक होता है। 25 अप्रेल को 225 टन घी का उठाव जिले में एक दिन में बाड़मेर, बायतु, धोरीमन्ना, चौहटन और बालोतरा में हुआ है। तीन दिन तक लगातार इसी मात्रा में घी का उठाव होता रहा है।
घर का घी इसके अलावा है- यह उठाव तो केवल बाजार के घी का है। जिन परिवारों में गोधन है और घर में ही घी तैयार हो रहा है वे इन चार दिनों में घर का घी खाना ही पसंद करते है।
जिले में चार लाख के करीब दुधारू गोधन है। इनसे प्रतिदिन घी मिल रहा है। नकली घी को लेकर नहीं विभाग सावचेत- अक्षय तृतीया के इस पर्व पर नकली घी के व्यापारियों ने भी अपना जाल फैला दिया है। विभागीय सांठगांठ के चलते इसकी जांच केवल औपचारिकता के लिए की जा रही है।
इतने बड़े पर्व पर सूत्रों का कहना है कि गुजरात से और बाड़मेर में ही नकली घी बड़ी मात्रा में पहुंचा है लेकिन इसको लेकर एक भी कार्यवाही नहीं की गई है। नकली घी का कारोबार विभाग की सरपरस्ती मे फलफूल रहा है।