scriptक्योंकि अब वाजपेयी के हनुमान उड़ नहीं सकते! पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह के 80वें जन्मदिन पर पुत्र ने किए अनछुए पहलू साझा | Because now Vajpayees Hanuman can not fly | Patrika News

क्योंकि अब वाजपेयी के हनुमान उड़ नहीं सकते! पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह के 80वें जन्मदिन पर पुत्र ने किए अनछुए पहलू साझा

locationबाड़मेरPublished: Jan 04, 2018 07:38:28 am

– पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह के पुत्र मानवेन्द्रसिंह ने किए अनछुए पहलू साझा

Vajpayees Hanuman,jaswant singh, can not fly

Because now Vajpayees Hanuman can not fly

बाड़मेर.पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के हनुमान कहे जाने वाले पूर्व वित्त, विदेश एवं रक्षा मंत्री जसवंतसिंह जसोल को लेकर उनके पुत्र मानवेन्द्रसिंह ने अनछुए पहलू साझा किए हैं। उन्होंने जसवंतसिंह के 80वें जन्मदिन पर एक लेख के जरिए कई ऐसी बातें बताई हैं, जो अब तक बाहर नहीं आई।
शिव से विधायक मानवेन्द्रसिंह के अनुसार उनके लिए संजीवनी कौन लाए क्योंकि वाजपेयी के हनुमान अब उड़ नहीं सकते। गौरतलब है कि जसवंतसिंह बीते तीन वर्ष से बे्रन हेमरेज के चलते अस्वस्थ हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं। मानवेन्द्र का कहना है कि अस्वस्थ जसवंतसिंह को देखने के लिए यूं तो उनके सभी साथी आते रहते हैं, पर भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी अकसर आते हैं। लेकिन एक साथी पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी नहीं आ पाते क्योंकि वे स्वयं उसी अवस्था में है, जिसमें जसवंतसिंह हैं। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के जिन्ना की मजार पर जाने के बाद पार्टी ने जसवंतसिंह से अनुरोध किया कि वे पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालें, लेकिन सिंह ने स्पष्ट कहा कि अब तक के सार्वजनिक जीवन में उन्होंने अपनी निजता का खूब त्याग किया, इससे ज्यादा नहीं कर सकते। इसलिए पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मना किया।
शूमाकर के बारे में जानकारी ली
मानवेन्द्र के अनुसार जसवंतसिंह स्पोट्र्स का जिक्र नहीं करते थे, लेकिन मोटर रेसर माइकल शूमाकर के कोमा में जाने व उनकी हैड इंजरी के बारे में उन्होंने पूरी जानकारी ली, उस पर बात भी की। बाद में वे स्वयं उन्हें भी इसी तरह की हैड इंजरी हुई। उनका जानकारी लेना शायद प्रकृति का संकेत था।
दो इच्छाएं अब तक अधूरी
जसवंतसिंह की दो इच्छाएं अधूरी हैं। पहली इच्छा यह कि बाड़मेर से प्रतिनिधित्व करना चाहते थे। उनकी दूसरी इच्छा सी राजगोपालाचारी के बारे में पुस्तक लिखने की थी। वे सी राजगोपालाचारी को अपना वैचारिक मेंटर मानते हैं।
बात, जो चुभ गई
कंधार प्रकरण के बारे में मानवेन्द्र का कहना है कि उनके पिता के पास एक महिला का फ ोन आया कि वह उनके पति को बचाने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। वह महिला आईसी-814 विमान के क्रू मेंबर की पत्नी थी। महिला की यह बात उन्हें चुभ गई। फिर विमान व उसके यात्रियों को बचाया गया। बाद में वह महिला अपने पति के साथ गुलदस्ता लेकर आई और अपने कथन के लिए क्षमा मांगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो