उपखंड मुख्यालय सिवाना से जिला मुख्यालय 150 किलोमीटर व क्षेत्र के गांवों की दूरी 180 से 200 किलोमीटर है। इसके बावजूद उपखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय पहुंचने को लेकर नाममात्र रोडवेज की दो बसें संचालित की जा रही है। इनका समय भी अनुकूल नहीं है। इस पर सिवाना व क्षेत्र के ग्रामीणों को कामकाज को लेकर बाड़मेर आने-जाने में हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है। जालोर जिला सीमा से सटे गांव सरवड़ी, मोतीसरा, खण्डप, काठाड़ी, भागवा, पंऊ, वेरानाड़ी, कुण्डल के ग्रामीणों के लिए बाड़मेर पहुंचना टेडी खीर जैसा होता है। इन ग्राम पंचायतों से जिला मुख्यालय की दूरी 200 किमी से अधिक है। इस पर बाड़मेर कामकाज के लिए ग्रामीणों को सुबह जल्दी घर छोडऩा पड़ता है। दोपहर तक बड़ी मुश्किल से ये बाड़मेर पहुंचते हैं। लौटते-लौटते अधिक रात बीत जाती है। उपखंड मुख्यालय सिवाना से जिला मुख्यालय 150 किलोमीटर व क्षेत्र के गांवों की दूरी 180 से 200 किलोमीटर है। इसके बावजूद उपखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय पहुंचने को लेकर नाममात्र रोडवेज की दो बसें संचालित की जा रही है। इनका समय भी अनुकूल नहीं है।
और बसों की जरूरत- लंबे समय से सिवाना से बाड़मेर के लिए रोडवेज की अन्य बसें संचालित करने की जरूरत महसूस की जा रही है। बाड़मेर से जयपुर वाया सिवाना ,सिणधरी, पादरू व बाड़मेर से उदयपुर ,जालोर वाया सिवाना ,सिणधरी रूट पर बसें संचालित करके ग्रामीणों को अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है।
दो बसें, होती दिक्कत- उपखंड मुख्यालय से बाड़मेर आवागमन के लिए नाममात्र दो बसें संचालित हो रही है। इस पर हर दिन लोग परेशानी उठाते हैं। सरकार नई बसें शुरू करें। – झनकारमल चौपड़ा, अध्यक्ष व्यापारी एसोसिएशन सिवाना
दो बसें, होती दिक्कत- उपखंड मुख्यालय से बाड़मेर आवागमन के लिए नाममात्र दो बसें संचालित हो रही है। इस पर हर दिन लोग परेशानी उठाते हैं। सरकार नई बसें शुरू करें। – झनकारमल चौपड़ा, अध्यक्ष व्यापारी एसोसिएशन सिवाना