शनिवार देर रात करीब 2:15 बजे मेगा स्टेट हाइवे पर दो ट्रकों की आमने-सामने भीषण भिड़ंत हो गई। इससे एक ट्रक का केबिन बुरी तरह पिचक गया। चालक एहसान खां (32) अकबर खां निवासी भिंडे का पार (रामसर) केबिन में बुरी तरह से फंस गया। वहीं दूसरे ट्रक के चालक पदमाराम (35) पुत्र आसूराम जाट निवासी बांड (गुड़ामालानी) व दोनों ट्रकों के खलासी खेरदीन (40) पुत्र इमाम खां निवासी आरबी की गफन (चौहटन) और इकरू खां (30) पुत्र बस्सू खां निवासी कंटल का पार (रामसर) को 108 एम्बुलेंस से राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। सूचना पर थानाधिकारी भंवरलाल सीरवी मय जाप्ते व रिडकोर पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंचे तथा फंसे चालक को बाहर निकालने के प्रयास शुरू किए। करीब डेढ़ घंटे बाद 3:40 बजे केबिन में फंसे चालक एहसान खां को जेसीबी की मदद से बाहर निकाल निजी एम्बुलेंस से राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर घायल एहसान खां व पदमाराम को चिकित्सकों ने जोधपुर रैफर किया।
हाईवे पर लगी वाहनों की कतारें दुर्घटना के बाद मेगा हाइवे पर दोनों ओर करीब दो किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लग गई। दुर्घटनाग्रस्त ट्रक में फंसे चालक को बाहर निकालने के बाद पुलिस ने मशक्कत कर जाम खुलवाया। इस पर चालकों को परेशानी झेलनी पड़ी।
हरकत में कार्मिक, तुरंत हटाए क्षतिग्रस्त वाहन शनिवार देर रात दो ट्रकों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर घायलों को बाहर निकालने के बाद रिडकोर कार्मिकों ने सुबह 5 बजे क्षतिग्रस्त वाहनों को क्रेन, हाइड्रो मशीन की सहायता से तुरंत हाइवे से हटा दिया। उल्लेखनीय है कि गत महीनों मेगा हाइवे पर घटित हादसों के कई घंटों बाद भी रिडकोर की ओर से क्षतिग्रस्त वाहनों को नहीं हटाया गया था, इस पर हादसों की आशंका को लेकर राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे। इसके बाद हरकत में रिडकोर कार्मिकों ने शनिवार देर रात हादसे में क्षतिग्रस्त वाहनों को सुबह 5 बजे ही हटा दिया।
लापरवाही पड़ रही भारी मेगा हाइवे पर टोल वसूल करने वाली रिडकोर कंपनी के पास सिवाए एक के्रेन के कोई आवश्यक संसाधन नहीं है। इसका खामियाजा दुर्घटना में घायलों को भुगतना पड़ता है। शनिवार देर रात हुई दुर्घटना में करीब एक घंटे बाद बालोतरा से हाइड्रो मशीन आने के बाद दोनों ट्रकों को अलग कर केबिन से चालक को निकाला जा सका। इससे पूर्व भी दुर्घटनाओं में रिडकोर के आवश्यक संसाधनों के अभाव घायल ट्रकों के पिचके केबिनों में घंटों तक फंसे रह चुके है तो कई दम तोड़ चुके हैं। इसके बावजूद रिडकोर आवश्यक संसाधनों का इंतजाम नहीं कर रही है। गौरतलब है कि मेगा हाइवे पर रिडकोर की ओर से हर दिन 28.05 लाख रुपए की प्रतिदिन वाहनों से टोल वसूली की जा रही है।