बाड़मेर पत्रिका.
बाड़मेर जैसलमेर से भाजपा की विधानसभा चुनावों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। यहां नौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए। मंगलवार को चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित हुए है। चौहटन से तरूणराय कागा का टिकट काट दिया गया जो मौजूदा विधायक है। उनकी जगह पर आदूराम मेघवाल को टिकट दिया गया। आदूराम पिछले चुनावों में यहां से दावेदार रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिला था। 2003 में सिवाना से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। इस बार आदूराम को अवसर दिया गया। शिव से मानवेन्द्रसिंह के कांगे्रस में शामिल होने के बाद भाजपा के नए चेहरे की तलाश थी। इसके लिए स्थानीय प्रत्याशी खंगारसिंह सोढ़ा को अवसर दिया गया है। खंगारसिंह स्थानीय है और मौजूदा प्रधान के पिता है। पोकरण से पार्टी ने स्वामी प्रतापपुरी को टिकट दिया है। यहां मौजूदा विधायक शैतानसिंह कार्यकर्ताओं व राजपूत समाज के लोगांे की नाराजगी के कारण टिकट नहीं ले पाए। महंत प्रतापपुुरी राजपूत समाज में मान्य संत होने से टिकट के प्रबल दावेदार बने और उन्हें पार्टी ने तवज्जो दी है। जैसलमर में छोटूसिंह का टिकट काटकर इस बार सांगसिंह को अवसर दिया गया। सांगसिंह ने 1998 में टिकट नहीं मिलने पर बगावत की थी। इस बार भी उन्होंने संकेत दिया था कि मौका नहीं मिला तो वे तो चुनाव लड़ेंगे। छोटूसिंह के प्रति भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी व शहरी वोटर्स का दूर होन माना जा रहा है।
बाड़मेर जैसलमेर से भाजपा की विधानसभा चुनावों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। यहां नौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए। मंगलवार को चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित हुए है। चौहटन से तरूणराय कागा का टिकट काट दिया गया जो मौजूदा विधायक है। उनकी जगह पर आदूराम मेघवाल को टिकट दिया गया। आदूराम पिछले चुनावों में यहां से दावेदार रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिला था। 2003 में सिवाना से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। इस बार आदूराम को अवसर दिया गया। शिव से मानवेन्द्रसिंह के कांगे्रस में शामिल होने के बाद भाजपा के नए चेहरे की तलाश थी। इसके लिए स्थानीय प्रत्याशी खंगारसिंह सोढ़ा को अवसर दिया गया है। खंगारसिंह स्थानीय है और मौजूदा प्रधान के पिता है। पोकरण से पार्टी ने स्वामी प्रतापपुरी को टिकट दिया है। यहां मौजूदा विधायक शैतानसिंह कार्यकर्ताओं व राजपूत समाज के लोगांे की नाराजगी के कारण टिकट नहीं ले पाए। महंत प्रतापपुुरी राजपूत समाज में मान्य संत होने से टिकट के प्रबल दावेदार बने और उन्हें पार्टी ने तवज्जो दी है। जैसलमर में छोटूसिंह का टिकट काटकर इस बार सांगसिंह को अवसर दिया गया। सांगसिंह ने 1998 में टिकट नहीं मिलने पर बगावत की थी। इस बार भी उन्होंने संकेत दिया था कि मौका नहीं मिला तो वे तो चुनाव लड़ेंगे। छोटूसिंह के प्रति भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी व शहरी वोटर्स का दूर होन माना जा रहा है।
सभी टिकट घोषित- बाड़मेर से कर्नल सोनाराम चौधरी, शिव से खंगारसिंह, चौहटन से आदूराम मेघवाल, सिवाना से हमीरसिंह भायल, पचपदरा से अमराराम चौधरी, बायतु से कैलाश चौधरी, गुड़ामालानी से लादूराम विश्नोई, पोकरण से स्वामी प्रतापपुरी शास्त्री और जैसलमेर से सांगसिंह भाटी प्रत्याशी होंगे।