भाजपा ने संगठन की दृष्टि से अब बाड़मेर जिले के दो भाग करने की तैयारी की है। यहां पहले 19 मण्डल थे जिसको अब 35 करने का प्रस्ताव तैया किया गया है। मण्डलों का यह विस्तार होने के साथ ही जिले के सात विधानसभा क्षेत्र केा तीन और चार में बांटा जाएगा और फिर यहां दो अलग-अलग जिले होंगे। जिनके जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे।
यह होगी स्थिति- विधानसभा क्षेत्र सिवाना, पचपदरा तो बालोतरा जिले में रहेंगे ही साथ ही अब इस बात को लेकर प्रस्ताव तैयार हो रहा है कि गुड़ामालानी पूरा क्षेत्र या बायतु पूरा क्षेत्र एक बालोतरा विधानसभा में दिया जाएगा। आधे विधानसभा क्षेत्र को ेकर सहमति नहीं बनने पर इस पर विचार हो रहा है।
यह होंगे अब मण्डल- बाड़मेर में बाड़मेर शहर एवं ग्रामीण पहले से ही थे अब भाडखा, चवा और बिशाला नए मण्डल होंगे। शिव में शिव, गडरारोड़ और रामसर पहले से ही थे अब भियंाड़, शहीद भगतिसंह, खड़ीन व बीजराड़ नए मण्डल होंगे। गुड़ामालानी में गुड़ामालानी, धोरीमन्ना पहले से ही थे
अब आलमनगर, अटल व श्यामाप्रसाद मुखर्जी नए मण्डल बनाए जाएंगे। बायतु में बायतु, गिड़ा व पाटोदी पहले से थे अब दीनदयाल उपाध्याय और बाटाडू नए जुड़ेंगे। पचपदरा में बालोतरा शहर, ग्रामीण एवं कल्याणपुर के साथ अब पचपदरा नया जुड़ेगा। सिवना में सिवाना, समदड़ी एवं सिणधरी के साथ अब पादरू नया जिला होगा।
चौहटन में चौहटन, सेड़वा धनाऊ पहले से है अब साता और पोकरासर नए मण्डल होंगे। क्या होगा असर- भाजपा संगठन के लिए विकेन्द्रीकरण की यह स्थिति लाभदायक मानी जा रही है। बाड़मेर जिले में दूरियां इतनी ज्यादा है कि बालोतरा, सिवाना और पचपदरा के कार्यकत्र्ता के लिए बाउ़मेर तक की पहुंच मुश्किल होती है।
भाजपा के पदाधिकारी भी दौरा नहीं कर पाते है। एेसे में अब दो संगठन होने से काम आसान होगा। जोधपुर से कोई भी पार्टी का बड़ा पदाधिकारी आने पर जोधपुर की सीमा तक जाना होता है।
इसके अलावा पार्टी के शिव तक के कार्यकत्र्ता को 165 किलोमीटर जाना होता है। एेसे में अब यह दूरी कम होगी। प्रदेश को प्रस्ताव भेजा हुआ है- प्रदेश स्तर तक प्रस्ताव भेजा हुआ है। शीघ्र ही बालोतरा को संगठन की दृष्टि से अलग जिला बनाया जाएगा।
इससे कार्यकर्ता का नेटवर्क बूथ स्तर पर मजबूत होगा। – डा. जालमसिंह रावलोत, जिलाध्यक्ष भाजपा