वहीं कर्नल सोनाराम चौधरी ने इन बातों पर विराम लगाते हुए बयान दिया है कि “आज तक मेरी अशोक गहलोत से मुलाक़ात नहीं हुई है। मैं सर्किट हाउस जरूर गया था लेकिन मेरी अशोक गहलोत से मुलाकात नहीं हुई। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि हाँ मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलाना चाहता था, मेरे और उनके बीच किसी भी तरह का विरोध नहीं है। मैं अपने क्षेत्र के कुछ मुद्दे उन्हें बताना चाहता था। इसीलिए मैं सर्किट हाउस गया था”।
बता दें कि क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर के भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम (Col. Sonaram Choudhary) ने जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मुलाकात की खबरों ने मारवाड़ में सियासी सनसनी खड़ी कर दी है।
सोनाराम गहलोत के धुर विरोधी नेता माने जाते हैं, लेकिन भाजपा नेता मानवेंद्रसिंह के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का दामन थामने के बाद बदली बाड़मेर-जैसलमेर की राजनीति के दौर में सोनाराम के कदम पर हर किसी को अचम्भा हो रहा है। हालांकि सोनाराम की गहलोत से मुलाकात नहीं हो पाई और वे कुछ देर इंतजार के बाद रवाना हो गए, लेकिन इसके बाद मानवेंद्र की गहलोत से मुलाकात के बाद नए सियासी समीकरण ढूंढे जाने लगे हैं। सियासी गलियारों में जहां कर्नल सोनाराम के गहलोत के धुर विरोधी नेता होने की चर्चा हैं। वहीं सोनाराम ने इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया।
आपको बता दें कि पिछले आम चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे भाजपा के दिग्गज नेता जसवंतसिंह जसोल को पराजित किया।