जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय राजमार्गो, मेगा हाइवे, राज्य राजमार्गो तथा प्रमुख सड़कों पर दुर्घटना संभावित स्थलों ब्लेक स्पॉट की सूची बनाकर प्रस्तुत की जाए। साथ ही इन स्थानों पर हुई दुर्घटनाओं एवं हताहतों की संख्या भी सूचीबद्ध हो ताकि आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण कर प्रमुख स्पॉटों को चिन्हित किया जा सके।
इसके आधार पर सुधारात्मक उपायों के द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए रणनीति तैयार की जाए। इन सब के आधार पर जिला कलक्टर ने जिला सड़क सुरक्षा योजना बनाने के निर्देश दिए।
हाइवे पेट्रोलिंग को बनाएं प्रभावी जिला कलक्टर ने जिले के राष्ट्रीय राजमार्गो पर हाइवे पेट्रोलिंग को प्रभावी बनाने की हिदायत दी। पेट्रोलिंग के दौरान राजमार्गो पर सुचारू यातायात सुनिश्चित करने तथा यातायात अवरोध पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।
साथ ही उन्होने राष्ट्रीय राजमार्ग पर एम्ब्युलेंस को जीवनरक्षक उपचारों के साथ चाक-चौबंद रखने को कहा। जिला कलक्टर ने टोल प्लाजा पर सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराने तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के साथ-साथ प्रवर्तन कार्यवाही के लिए पुलिस व एनएच प्राधिकरण को समन्वय से कार्य करने को कहा।
उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गो के साथ-साथ जिले की मुख्य सड़कों में आबादी क्षेत्र तथा दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में समुचित सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था कि हिदायत दी। इससे पूर्व जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निदेर्शो की पालना में सड़क सुरक्षा समिति को प्रभावी बनाने के लिए नियमित रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं।
बैठक में जिला परिवहन अधिकारी बालोतरा भगवान गहलोत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी, अधीक्षण अभियन्ता सानिवि हरिकृष्ण, परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग जितेन्द्र चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक मूलाराम चौधरी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।