बाड़मेर. मातृशक्ति करती है रक्तदान बाड़मेर में नियमित रूप से रक्तदान करने वालों में महिलाओं की भागीदारी भी काफी बड़ी है। इसमें करीब 500 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। जरूरत होने पर रक्तदान के लिए तुरंत पहुंच जाती हैं। कई मामलों में रक्तदान कर जिंदगी देने में मातृशक्ति हमेशा आगे ही रही है। बाड़मेर में ब्लड डोनर्स सोसायटी में 2500 रक्तदाता पंजीकृत हैं।
बाड़मेर में ये खासियत
– बाड़मेर शहर के निवासी रतन भवानी ने सबसे अधिक रक्तदान किया है। 25 साल से भी अधिक समय से लगातार रक्तदान करते रहे भवानी 100 बार से ज्यादा रक्तदान कर चुके है।
– बाड़मेर शहर के निवासी रतन भवानी ने सबसे अधिक रक्तदान किया है। 25 साल से भी अधिक समय से लगातार रक्तदान करते रहे भवानी 100 बार से ज्यादा रक्तदान कर चुके है।
यह है जज्बा जसराज बेनीवाल व हेमंत बेनीवाल बायतु से तथा ईश्वर कुमावत बिशाला से नियमित रूप से रक्तदान करने आते हैं। तीनों का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है जो कि बहुत कम मिलता है। शिव के निम्बला के रहने वाले रक्तदाता अशोक सेजू का ग्रुप एबी पॉजिटिव है। सेजू आपातकाल में खुद किराए की गाड़ी से पहुंच जाते हैं। नरपत सेजू व दिलीप सेजू भी इसी क्रम में शामिल हैं। प्रकाश खत्री, दिलीप, अनिल पंवार, विजय सिंह, मनोहर, खेतराज बृजवाल व उनके कई साथी भी एेसा ही जज्बा रखते है।
सामाजिक निर्णय
सामाजिक निर्णय
बाड़मेर के कई समाजों ने सामाजिक सरोकारों को निभाते हुए रक्तदान शिविर करवाए हैं। इनमें जैन,, जाट, माहेश्वरी, सोनी, प्रजापत, मुस्लिम, चारण, सैन, राजपुरोहित व मेघवाल समाज आदि शामिल हैं। इनमें सर्वाधिक रक्तदान जैन व मेघवाल समाज के शिविरों में हुआ।
जाने-माने लोग भी
विधायक मेवाराम जैन, यूआईटी चेयरपर्सन डॉ प्रियंका चौधरी, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल, बायतु विधायक कैलाश चौधरी, पूर्व सांसद हरीश चौधरी, एसपी डॉ. गगनदीप सिंगला, पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया नियमित रक्तदाता है।
विधायक मेवाराम जैन, यूआईटी चेयरपर्सन डॉ प्रियंका चौधरी, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल, बायतु विधायक कैलाश चौधरी, पूर्व सांसद हरीश चौधरी, एसपी डॉ. गगनदीप सिंगला, पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया नियमित रक्तदाता है।
बाड़मेर पर एक नजर रक्तदाता: 2500
महिलाएं: 500 रक्तदान प्रतिवर्ष: 4500 यूनिट
अब तक के बड़े रक्तदान शिविर
ब्लड डोनर्स सोसायटी 255 यूनिट निरंकारी आश्रम 172 यूनिट
बाड़मेर में सर्वाधिक उपलब्ध रक्त समूह
ओ व बी पॉजिटिव
बहुत कम मिलने वाले रक्त समूह
ए नेगेटिव व एबी नेगेटिव
पिछले चार सालों पर एक नजर वर्ष शिविर रक्तदाता पुरुष महिलाएं
2014 17 537 502 35 2015 19 693 602 91
2016 37 1246 1147 99
ए नेगेटिव व एबी नेगेटिव
पिछले चार सालों पर एक नजर वर्ष शिविर रक्तदाता पुरुष महिलाएं
2014 17 537 502 35 2015 19 693 602 91
2016 37 1246 1147 99
2017 29 1381 1326
कौन कर सकता है रक्तदान
ऐसे प्रत्येक पुरुष व महिला -जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष हो
-वजन 45 किलो से अधिक -रक्त में हीमोग्लोबिन का प्रतिशत 12.5
-क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेह, एड्स से पीडि़त न हो
कौन कर सकता है रक्तदान
ऐसे प्रत्येक पुरुष व महिला -जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष हो
-वजन 45 किलो से अधिक -रक्त में हीमोग्लोबिन का प्रतिशत 12.5
-क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेह, एड्स से पीडि़त न हो
-पिछले तीन माह में रक्तदान नहीं किया हो
-नशीली दवा या शराब का सेवन नहीं किया हो -गर्भावस्था तथा पूर्ण अवधि के प्रसव के बाद बच्चे को दूध पिलाने की 6 माह के समय में किसी महिला का रक्तदान स्वीकार नहीं किया जाता है।
-नशीली दवा या शराब का सेवन नहीं किया हो -गर्भावस्था तथा पूर्ण अवधि के प्रसव के बाद बच्चे को दूध पिलाने की 6 माह के समय में किसी महिला का रक्तदान स्वीकार नहीं किया जाता है।
कितना लिया जाता है रक्त
-एक बार में 350 एमएल रक्त लिया जाता है। -हमारा शरीर 24 घंटे में रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।
-ब्लड बैंक के रेफ्रिजरेटर में 4-5 सप्ताह तक खून को सुरक्षित रखा जा सकता है।
-एक बार में 350 एमएल रक्त लिया जाता है। -हमारा शरीर 24 घंटे में रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।
-ब्लड बैंक के रेफ्रिजरेटर में 4-5 सप्ताह तक खून को सुरक्षित रखा जा सकता है।
रक्त संचार से पहले जांच ब्लड बैंक में जारी करने से पहले रक्त की प्रत्येक इकाई का परीक्षण होता है। इसमें मलेरिया, सिफलिस, हिपेटाइटिस (बी व सी) तथा एच.आई.वी. जांच जरूरी है। जिससे मरीज के पास सुरक्षित ब्लड पहुंचे।
यह जानना भी जरूरी
-स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को तुरंत बाद रक्तदाता कार्ड/प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। इस कार्ड का फायदा यह मिलता है कि रक्तदान की तिथि से 12 महीने तक जरूरत होने पर खुद या अपने परिजन के लिए ब्लड बैंक से एक यूनिट रक्त प्राप्त किया जा सकता है। ब्लड बैंक से खून लेने पर थैली पर ‘एचआईवी मुक्तÓ की मोहर देखकर ही लेना चाहिए।
-स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को तुरंत बाद रक्तदाता कार्ड/प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। इस कार्ड का फायदा यह मिलता है कि रक्तदान की तिथि से 12 महीने तक जरूरत होने पर खुद या अपने परिजन के लिए ब्लड बैंक से एक यूनिट रक्त प्राप्त किया जा सकता है। ब्लड बैंक से खून लेने पर थैली पर ‘एचआईवी मुक्तÓ की मोहर देखकर ही लेना चाहिए।
-हमारा रक्त चार प्रकार के तत्वों से बनता है। इसमें रेड व व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा शामिल है। रक्तदान के बाद दो से तीन दिनों के भीतर उसके शरीर में प्लाज्मा फिर से बन जाता है। जबकि रेड ब्लड सेल्स बनने में एक से दो महीने लग सकते है। इसके चलते ही तीन महीने में एक बार रक्तदान किया जा सकता है।
कहां करें रक्तदान?
किसी भी लाइसेंस वाले ब्लड बैंक में रक्तदान किया जा सकता है। यह सुविधा सभी जिला अस्पतालों में मिलती है। प्रदेश के 57 सरकारी व 72 निजी क्षेत्र के ब्लड बैंक लाइसेंस प्राप्त हैं। ब्लड बैंक समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं, वहां पर रक्त्तदान किया जा सकता है। वहीं अधिकृत लगने वाले शिविरों में भी रक्तदान किया जा सकता है।
किसी भी लाइसेंस वाले ब्लड बैंक में रक्तदान किया जा सकता है। यह सुविधा सभी जिला अस्पतालों में मिलती है। प्रदेश के 57 सरकारी व 72 निजी क्षेत्र के ब्लड बैंक लाइसेंस प्राप्त हैं। ब्लड बैंक समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं, वहां पर रक्त्तदान किया जा सकता है। वहीं अधिकृत लगने वाले शिविरों में भी रक्तदान किया जा सकता है।