सोलर पावर प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर व जोधपुर का चयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। इसकी कार्ययोजना तैयार करने के लिए एसइसीआइ को नोडल एजेंसी बनाया था। साथ ही सरकार ने जिला कलक्टर के माध्यम से भूमि उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए थे। उसके बाद जिला कलक्टर के मार्फत से बॉर्डर क्षेत्र में उपयुक्त भूमि का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया, लेकिन उसके बाद कोरोनाकाल होने पर यह मामला ठण्डे बस्तें में डाल दिया गया है।
10 हजार हैक्टेयर भूमि पर लगना है प्रोजेक्ट
भारत-पाक बॉर्डर सीमा से करीब 25 किमी दूरी पर सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना होनी है। प्रोजेक्ट की क्षमता 5 गीगावॉट होगी। इसके लिए 10 हजार हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए राजस्थान नवीन ऊर्जा निगम जयपुर को जिम्मेदारी दी गई थी कि वे भूमि का चयन करेंगे।
सर्वे पूरा, स्वीकृति का इंतजार
नवीन एवं अक्षय मंत्रालय भारत सरकार के निर्णय के अनुसार आरइ प्रोजेक्ट योजना के तहत बॉर्डर क्षेत्र में विद्युतीकरण व निकटतम गांव में बिजली व पानी की सप्लाई के लिए उक्त प्रोजेक्ट के तहत भूमि आवंटन के लिए सर्वे हुआ। एजेंसी ने सर्वे कार्य पूरा कर रिपोर्ट सरसकार को भेज दी।। लेकिन दो साल बीतने के बावजूद कोई स्वीकृति नहीं मिल पाई है।