जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद देश की पश्चिमी सीमा के आखिरी गांव अकली के 74 साल के वीराराम की आंखों में गुस्सा है। सामने पाकिस्तान की ओर देखकर कहते है कि इसकी तो अक्कल ठिकाने लगानी चाहिए। वे कहते है, युद्ध की किसको परवाह है। 1965 और 1971 में घर में घुसकर मारा था। हम न हारे हैं ना हारेंगे।
सीमावर्ती रोहिड़ी, तामलौर, पनेला, केरोकरी, जैसिंधर स्टेशन गांवों में भी ग्रामीणों की आंखों में पुलवामा की घटना के बाद आग है। जैसिंधर के छगनलाल माहेश्वरी कहते है कि भारत ढंग से जवाब नहीं देता इसलिए पाकिस्तान सिर चढ़ रहा है। अब तो दो टूक होना चाहिए।
बॉर्डर पर बीएसएफ अलर्ट है। बाखासर, कैनलोर, मुनाबाव, गडरारोड की चौकियों पर गश्त, नफरी और चौकसी बढ़ी है। जवानों की आंखों में पुलवामा का नाम लेते ही रोष नजर आता है। कहते है वो तो कायर है, कायर…। अब हमें जवाब देना चाहिए।
गुजरात से सटे बॉर्डर पर दो दिन में पाकिस्तान की हरकत बढऩे की जानकारी है। छोर के करीब पाकिस्तानी टुकड़ी पहुंची है। पाकिस्तान के थारपारकर, मिठी, चेलार, हथूंगा, छाछरो, कारटिया और खोखरापार इलाकों में अभी हरकत की जानकारी नहीं है, लेकिन बीएसएफ हर हलचल पर नजर रखे हुए हैं।