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बाड़मेर

घरों में नहीं चख पा रहे मिड डे मील का स्वाद

आधे से भी कम मिला पोषाहार, कैसे मिले घर बैठे बच्चों को आहार – मिड डे मील योजना में अनाज की कमी, शिक्षकों की बढ़ी परेशानी – 94
फैक्टफाइल- लाभांवित बच्चों की तादाद 424350- अब तक वितरित पोषाहार 1238.65 मीट्रिक टन – नामांकन के अनुरूप पोषाहार की जरूरत 3990 मीट्रिक टन- बांटे गए पोषाहार का प्रतिशत 31.05दिन का पोषाहार नहीं पहुंचा घरों तक

बाड़मेरJul 02, 2020 / 09:02 pm

Dilip dave

घरों में नहीं चख पा रहे मिड डे मील का स्वाद

घरों में नहीं चख पा रहे मिड डे मील का स्वाद




दिलीप दवे
बाड़मेर. स्कूल की चपाती घरों तक पहुंचाने की सरकारी महत्वाकांक्षी योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है। सरकार ने मिड डे मील का पोषाहार अभिभावकों के मार्फत स्कूली बच्चों को देने के आदेश तो दे दिए, लेकिन पोषाहार नहीं भेजा। ऐसे में बच्चों के गले निवाला पहुंचे भी तो कैसे। अभिभावक स्कूल के चक्कर काट रहे हैं और शिक्षक आगे से पोषाहार आने के इंतजार में है। स्थिति यह है कि जिले में मात्र 31 फीसदी बच्चे ही घरों में मिड डे मील का स्वाद चख पाए हैं। गौरतलब है कि जिले में पहली से पांचवीं तक अध्ययनरत 424350 विद्यार्थी मिड डे मील योजना के तहत लाभांवित होते हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन लगा तो स्कूल के ताले लग गए। इस दौरान सरकार की महत्ती योजना मिड डे मील भी बंद हो गई। करीब दो माह के बाद लॉकडाउन में ढील मिली तो सरकार को पोषाहार की याद आई, लेकिन अभी भी स्कूल खुलने पर रोक है। ऐसे में सरकार ने पोषाहार को अभिभावकों एक साथ देने के आदेश जारी किए। आदेश के बाद पोषाहार बंटना शुरू हुआ तो शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई, क्योंकि पोषाहार तो चंद दिनों का ही था, जबकि बांटना 94 दिन का है। ऐसे में किसकों दें और किसे मना करें कि स्थिति हो गई है।
इसलिए बनी यह स्थिति- मिड डे मील के तहत गेहूं व चावल का वितरण तिमाही के हिसाब से होता है। ऐसे में मार्च तक का पोषाहार मिल हुआ था। नई डिमांड के तहत अप्रेल से जून का पोषाहार एक साथ मिलना था, लेकिन लॉकडाउन लग गया। इस पर पोषाहार स्कूलों तक नहीं पहुंचा, इधर सरकार के आदेश पर वितरण कार्य शुरू हो गया। ऐसे में मात्र चंद बच्चों के घरों तक ही पोषाहार पहुंच पाया।
शिक्षकों की परेशानी- पोषाहार की कमी शिक्षकों के लिए परेशानी बन गई है। जिनको पोषाहार नहीं मिला है, वे शिकायतें कर रहे हैं कि शिक्षक जानबुझ कर पोषाहार नहीं दे रहे। वहीं,शिक्षक जवाब देते थी थक गए हैं कि स्टॉक नहीं आया है।
पूरा पोषाहार दे तभी फायदा- सरकार ने 94 दिन का पोषाहार बांटने के आदेश तो दिए, लेकिन पूरा स्टॉक नहीं मिला। ऐसे में शिक्षकों को दिक्कत हो रही है। सरकार पूरा स्टॉक उपलब्ध करवाए।- शेरसिंह भूरटिया, शिक्षक नेता राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
डिमांड भेजी है- स्कूलों में पोषाहार बांटने के साथ ही जानकारी संकलित कर जरूरत के अनुरूप डिमांड बना कर भेजी है। सरकार के आदेशों के अनुरूप सभी मिड डे मील लाभांवित बच्चों को पोषाहार वितरित किया जाएगा।- रामाराम, जिला प्रभारी अधिकारी मिड डे मील बाड़मेर
फैक्ट फाइल बाड़मेर जिला
कक्षा का स्तर विद्यार्थियों की संख्या नामांकन के अनुरूप वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा अब तक वितरित खाद्यान्न वितरित खाद्यान्न प्रतिशत
गेहूं चावल योग गेहूं चावल योग


1 से 5 295237 1859. 41 915.83 2775.24 539.12 249.99 789.11 28.43
6 से 8 129113 813.15 400.50 1213.65 306.50 143.05 449.55 37.04
योग 424350 2672.56 1316.33 3988.89 845.62 393.04 1238.66 31.05

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