शहर के चौहटन रोड़ पर शरणार्थी क्वार्टर के प्लांट नंबर 35 के मालिक मृतक कस्तूरचं के नाम फर्जी हस्ताक्षर से आवासीय भूखण्ड निर्माण की नगर परिषद ने स्वीकृति जारी की। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर फर्जी हस्ताक्षर करने वाले एक जने को गिरफ्तार किया। जबकि भूखण्ड निर्माण की स्वीकृति जारी करने वाले जिम्मेदार नगर परिषद कार्मिकों पर कार्यवाही की बजाय पुलिस जांच ठण्डे बस्ते में डाल दी गई। साथ ही जिला कलक्टर की ओर से जारी किए गए जांच के आदेश भी महज कागजी होकर रह गए। ऐसे में जाहिर है कि नगर परिषद कार्यप्रणाली राम भरोसे ही चल रही है।
कलक्टर ने दिए थे जांच के आदेश
राजस्थान पत्रिका के 3 जनवरी के अंक में अवैध तरीके से हो रहा है शरणार्थी क्वार्टर में व्यवसायिक संचालन शिर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामला उजागर किया। उसके बाद जिला कलक्टर ने अतिरिक्त जिला कलक्टर को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी थी। दस्तावेजों के इंतजार में पुलिस शरणार्थी क्वार्टर के प्लांट नंबर 35 के मालिक मृतक कस्तूरचं के नाम फर्जी हस्ताक्षर से आवासीय भूखण्ड निर्माण की नगर परिषद ने स्वीकृति जारी की। मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर एक जने को गिरफ्तार किया। जबकि भूखण्ड निर्माण की स्वीकृति जारी करने वाले जिम्मेदार नगर परिषद कार्मिकों पर पुलिस जांच ठण्डे बस्ते में डाल दी गई।
यह था पूरा मामला
पाक विस्थापित परिवारों को करीब 40 साल पहले सरकार ने आवासीय भूखण्ड आवंटित किए। साथ ही वर्तमान में भूखण्ड पर व्यवासयिक संचालन किया जा रहा है। यहां एक मृतक के नाम नगर परिषद आयुक्त ने भवन निर्माण स्वीकृति जारी कर दी। उसके बाद एक जने की गिरफ्तारी हुई।
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– दस्तावेज मांगे है
पुलिस ने मामले की जांच के लिए नगर परिषद से दस्तावेज मांगे है। किसकी क्या भूमिका है। इस पर जांच कर रहे है। – प्रेमप्रकाश, थाना प्रभारी, कोतवाली
– अभी तक कुछ नहीं हुआ
शरणार्थी क्वार्टर के मामले की जांच को लेकर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। थोड़ा व्यस्त था। जांच करूंगा तब बताऊंगा। – ओमप्रकाश विश्रोई, अतिरिक्त जिला कलक्टर, बाड़मेर
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