पार्टी से निकालने सम्बन्धी निर्णय के बारे में राज्यसभा सदस्य और पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि सिद्दीकी को बसपा प्रमुख मायावती ने कई बार बुलाया। उन्हें कई संदेश भेजे गए लेकिन वह अपना पक्ष रखने नहीं पहुंचे। साथ ही बताया कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर टिकट बांटने में पैसा लेने का भी आरोप लगा है।
पार्टी महासचिव सतीश मिश्र ने बताया कि सिद्दीकी उनकी पत्नी और बेटे को पार्टी से निकालने के सिवाय कोई चारा ही नहीं बचा था। तो वहीं उन्होंने ईवीएम मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में जो दिखाया गया, वह गंभीर है। साथ ही कहा कि हमारा भी मानना है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। बीते मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम से छेड़छाड़ का लाइव डेमो दिया था।
गौरतलब है कि बसपा सरकारों में 18-18 महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे सिद्दीकी को मायावती का काफी नजदीकी माना जाता था। वह विधान परिषद में नेता विरोधी दल भी रहे हैं। इस समय वह विधान परिषद में बसपा के नेता थे। उनकी पत्नी हुस्ना सिद्दीकी भी विधान परिषद की सदस्य हैं। उनके बेटे अफजल ने 2014 में बसपा से लोकसभा का चुनाव लड़ा था।